आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। सुबह की शुरुआत से लेकर रात को सोने तक, हम घंटों-घंटों स्क्रीन पर स्क्रॉल करते रहते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि सोशल मीडिया एक नशे की तरह बन चुका है – जो जितना आसान लगता है, उतना ही ज्यादा खतरनाक भी साबित हो सकता है।
हालांकि, सोशल मीडिया से जुड़ी कुछ अच्छी बातें भी हैं – जैसे दुनिया भर की जानकारी, नए ट्रेंड्स की अपडेट, दोस्तों से जुड़ाव – लेकिन इसका अत्यधिक इस्तेमाल मानसिक, शारीरिक और सामाजिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालता है।
इसीलिए आज ‘सोशल मीडिया डिटॉक्स’ की बात की जा रही है – यानी एक तय समय के लिए सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना लेना। आइए जानते हैं इसके फायदों और इसे अपनाने के तरीकों के बारे में।
लगातार मिलती सूचनाओं और तुलना की भावना से तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन बढ़ जाता है। डिटॉक्स से मन शांत होता है और पॉजिटिविटी आती है।
स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी और देर रात तक स्क्रॉल करने की आदत नींद को खराब करती है। डिटॉक्स से नींद अच्छी होती है और शरीर तरोताज़ा महसूस करता है।
बार-बार नोटिफिकेशन चेक करने की आदत एकाग्रता को नष्ट करती है। सोशल मीडिया से दूरी ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है।
ऑनलाइन रिश्तों के बजाय जब आप अपनों के साथ समय बिताते हैं, तो रिश्तों की गहराई और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है।
सोशल मीडिया पर दिखावा और तुलना की वजह से आत्म-संदेह पैदा होता है। डिटॉक्स से व्यक्ति खुद को ज्यादा स्वीकार करता है और आत्म-सम्मान बेहतर होता है।
हर अपडेट और पोस्ट से जुड़े रहने की जरूरत से राहत मिलती है। आप अपने जीवन को ज्यादा प्राथमिकता देने लगते हैं।
सोशल मीडिया से दूर रहकर आप अपनी हॉबीज, फिटनेस या रचनात्मक कार्यों पर ध्यान दे सकते हैं।
डिजिटल शोर से दूरी आपको नई सोच, नए आइडिया और काम में दक्षता की ओर ले जाती है।
लंबे समय तक बैठे रहना और आंखों पर दबाव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। सोशल मीडिया डिटॉक्स से आप एक्टिव रहते हैं और शरीर भी स्वस्थ रहता है।
1. एक तय समय तय करें - शुरुआत 1 दिन या 3 दिन से करें और धीरे-धीरे 7 दिन या उससे ज्यादा तक ले जाएं।
नोटिफिकेशन से ही ध्यान भटकता है। ऐप्स की अलर्ट बंद कर दें।
डिटॉक्स के दौरान Instagram, Facebook जैसे ऐप्स को कुछ समय के लिए डिलीट कर दें।
अपने फोन के स्क्रीन टाइम फीचर से पता करें कि आप कहां कितना समय बर्बाद कर रहे हैं।
जो समय सोशल मीडिया को देते थे, उसमें किताब पढ़ें, टहलें, परिवार से बात करें या नई चीजें सीखें।
उन्हें बताएं कि आप डिटॉक्स पर हैं ताकि वे बार-बार संपर्क करने की उम्मीद न रखें।
डिटॉक्स के दौरान महसूस हुए बदलावों को नोट करें। इससे आपको इसे दोबारा अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।