विटामिन D एक आवश्यक पोषक तत्व है जो न केवल हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी शरीर में कई प्रकार की बीमारियों को जन्म दे सकती है। आइए जानते हैं कि विटामिन D की कमी से कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं:
विटामिन D का संबंध मानसिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा हुआ है। इसकी कमी से डिप्रेशन, चिंता (Anxiety), और सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह विटामिन ब्रेन में मूड को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के संतुलन में मदद करता है।
यह बीमारी मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करती है। विटामिन D की कमी के कारण शरीर में कैल्शियम का अवशोषण ठीक से नहीं हो पाता, जिससे हड्डियां कमजोर, मुलायम और मुड़ने लगती हैं। इससे पैरों का टेढ़ापन और विकास में देरी हो सकती है।
यह रोग वयस्कों में देखा जाता है और इसे 'बड़ों का रिकेट्स' भी कहा जा सकता है। इस स्थिति में हड्डियों में नरमी आ जाती है, मांसपेशियों में कमजोरी और लगातार दर्द बना रहता है।
विटामिन D की कमी से शरीर में कैल्शियम का अवशोषण बाधित होता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। यह रोग विशेष रूप से वृद्ध लोगों में पाया जाता है और हड्डियों के टूटने या फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
विटामिन D शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी से मल्टीपल स्केलेरोसिस (MS), रूमेटॉइड आर्थराइटिस (RA) जैसे ऑटोइम्यून रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
शोधों के अनुसार, विटामिन D की कमी उच्च रक्तचाप (High BP), दिल की बीमारियों और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों से जुड़ी हो सकती है।
विटामिन D इंसुलिन की संवेदनशीलता को बनाए रखने में सहायता करता है। इसकी कमी से ब्लड शुगर का स्तर अनियंत्रित हो सकता है और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।