Jan 17, 2024

कवि न बनते तो आज ये होते कुमार विश्वास

Vivek Yadav

देश के लोकप्रिय हिंदी कवियों में से एक कुमार विश्वास आज अपनी रचनाओं के लिए देश-दुनिया में विख्यात हैं।

Source: @Dr. Kumar Vishwas/FB

आज इतने बड़े कवि बन चुके कुमार विश्वास ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी।

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अगर वो अपनी पढ़ाई बीच में नहीं छोड़ते तो शायद आज इतने प्रख्यात कवि नहीं होते।

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दरअसल, कुमार विश्वास के पिता चाहते थे कि वो इंजीनियर बने।

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पिता के कहने पर उन्होंने प्रयागराज (तब इलाहाबाद) के मोतीलाल नेहरू रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया।

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उनकी इंजीनियरिंग में जरा भी रुचि नहीं थी जिसके बाद वो बीच में ही ये पढ़ाई छोड़कर हिंदी साहित्य की ओर चल पड़े।

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इसके बाद उन्होंने हिंदी साहित्य में मास्टर किया जिसमें उन्होंने स्वर्ण-पदक भी प्राप्त किया। कुमार विश्वास ने कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना विषय में पीएचडी भी की है।

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1994 में राजस्थान के एक डिग्री कॉलेज में प्रवक्ता के रूप में उन्‍होंने अपने करियर को शुरू किया। उनकी सबसे मशहूर किताब कोई दीवाना कहता है 2007 में प्रकाशित हुई।

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