Jul 02, 2024

अमेरिका में बैन है सरसों का तेल, वजह जान आप भी इस्तेमाल करने से पहले सोचेंगे सौ बार!

Archana Keshri

सरसों का तेल भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। खाने के अलावा सरसों का तेल स्किन और बालों पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरसों के तेल में भी पीली सरसों का तेल सबसे फायदेमंद होता है।

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सरसों का तेल पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इतना फायदेमंद होने के बाद भी सरसों के तेल को कुछ देशों में बैन किया गया है।

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सरसों के तेल पर अमेरिका में बैन लगा हुआ है। वहीं यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में भी सरसों के तेल पर बैन है। हालांकि यह तेल पूरी तरह से बैन नहीं है, लेकिन इसे खाने में इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है।

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इन देशों में बिकने वाले सरसों के तेल के बोतल और डिब्बों में ये लिखा होता है- 'फॉर एक्सटर्नल यूज ओनली'। यानी आप इसे हाथों, पैरों या सिर पर लगा सकते हैं मगर खाना नहीं बना सकते।

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दरअसल, अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (FDA) ने सरसों के तेल पर बैन इसमें ज्यादा मात्रा में मौजूद इरुसिक एसिड (Erucic acid) की वजह से लगाया है। डिपार्टमेंट के अनुसार,यह एसिड हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक साबित होता है।

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रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक इस एसिड का इंसानों पर रिसर्च नहीं किया गया है, मगर चूहों पर इसके असर को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इरुसिक एक फैटी एसिड है जिसे मेटाबोलाइज्ड नहीं किया जाता।

रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक इस एसिड का इंसानों पर रिसर्च नहीं किया गया है, मगर चूहों पर इसके असर को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इरुसिक एक फैटी एसिड है जिसे मेटाबोलाइज्ड नहीं किया जाता।

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यह एसिड दिमाग के सेल्स को नुकसान पहुंचाता है और इसका रोजाना सेवन करने से वजन भी बढ़ता है। याददाश्त कमजोर होने और शरीर में फैट बढ़ाने जैसे कारणों से अमेरिका में सरसों के तेल पर बैन लगा दिया गया है।

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कई स्टडी में ये भी सामने आया है कि सरसों के तेल का ज्यादा सेवन हमारे पाचन तंत्र को कमजोर बनाता है और हम कम उम्र में ही फैटी लिवर के शिकार बन जाते हैं।

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वहीं बात करें भारत, उसके वैज्ञानिकों और एक्सपर्ट्स की तो उनकी राय अमेरिका से अलग है। उनका मानना है कि सरसों का तेल रामबाण औषधि है। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट पाया जाता है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।

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इसके अलावा सरसों के तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन-ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कई तरह की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा दिलाने में अपना योगदान देते हैं। इसके साथ ही यह तेल एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी वायरल होता है जो शरीर को टॉक्सिन से छुटकारा दिलाता है और दर्द-सूजन को कम करने में भी मदद करता है।

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