Kabir Jayanti: 'जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान', कबीर दास के 10 मशहूर दोहे

Jun 11, 2025, 11:17 AM
Photo Credit : ( Pexels )

1-

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय॥

Photo Credit : ( Pexels )

2-

ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए, औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए

Photo Credit : ( Pexels )

3-

जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान। मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।

Photo Credit : ( Pexels )

4-

कबीर ऐसा यहु संसार है, जैसा सैंबल फूल। दिन दस के व्यौहार में, झूठै रंगि न भूलि॥

Photo Credit : ( Pexels )

5-

सतगुर की महिमा अनंत, अनंत किया उपकार। लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावण हार॥

Photo Credit : ( Pexels )

6-

कबीर यहु जग अंधला, जैसी अंधी गाइ। बछा था सो मरि गया, ऊभी चांम चटाइ॥

Photo Credit : ( Pexels )

7-

तीन लोक भौ पींजरा, पाप-पुण्य भौ जाल। सकल जीव सावज भये, एक अहेरी काल॥

Photo Credit : ( Pexels )

8-

पाणी केरा बुदबुदा, इसी हमारी जाति। एक दिनां छिप जांहिगे, तारे ज्यूं परभाति॥

Photo Credit : ( Pexels )

9-

चिंता ऐसी डाकिनी, काट कलेजा खाए। वैद बिचारा क्या करे, कहां तक दवा लगाए।।

Photo Credit : ( Pexels )

10-

साईं इतना दीजिए, जा मे कुटुम समाय। मैं भी भूखा न रहूं, साधु ना भूखा जाय।।

Photo Credit : ( Pexels )