Feb 10, 2025
मूली में मौजूद फाइबर और सल्फर यौगिक गैस का कारण बनते हैं। जब आप मूली खाते हैं तो ये दोनों यौगिक आपके पाचन तंत्र में मौजूद बैक्टीरिया के साथ एक्टिविटी करते हैं जिससे गैस बनना शुरू हो जाती है।
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मूली में मौजूद पानी की वजह से गैस रिलीज होती है जिससे गैस्ट्रिक समस्याएं पैदा होती हैं।
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आयुर्वेद के मुताबिक मूली की तासीर गर्म होती है इसका सेवन आप सुबह करें तो फायदा होता है। मूली का सेवन रात को करने से इसकी तासीर ठंडी होती है जो नुकसान पहुंचाती है।
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जिन लोगों को गैस की परेशानी होती है वो मूली का सेवन करने से पहले उसे आधा घंटे के लिए इसे पानी में भिगो दें। भिगोने से कुछ रेफिनोज को तोड़ने में मदद मिल सकती है।
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जिन लोगों को गैस की परेशानी होती है वो मूली का सेवन करने से पहले उसे आधा घंटे के लिए इसे पानी में भिगो दें। भिगोने से कुछ रेफिनोज को तोड़ने में मदद मिल सकती है।
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मूली को पकाने या भूनने से भी उन्हें पचाना आसान हो सकता है।
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मूली में भरपूर फाइबर होता है जो कब्ज को दूर करता है।
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मूली में मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट लिवर और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
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