शकरकंद जैसी दिखने वाली जड़ वाली फसल से यह बनता है। इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है।
इससे दूध जैसा दिखने वाला सफेद स्टार्च निकलता है। इस स्टार्च को रिफाइन करने के बाद गर्म करते हैं।
यूरोप के कुछ देशों में इसे कासावा (Cassava) तो साउथ अमेरिकी देशों में मेंडिओका (Mandioca) कहते हैं।
टैपिओका (Tapioca) की फसल 9-10 महीने में तैयार होती है। सबसे पहले ऊपरी भाग या तने को काटकर अलग कर देते हैं।
फिर जड़ को खोदकर निकाल लेते हैं। इस जड़ को अच्छी तरह साफ करने के बाद पीसते हैं।
इससे दूध जैसा दिखने वाला सफेद स्टार्च निकलता है। इस स्टार्च को रिफाइन करने के बाद गर्म करते हैं।
फिर मशीन की मदद से दानेदार आकार दिया जाता है। इस तरह मोती जैसा दिखने वाला सफेद साबूदाना बनता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक टैपिओका की उत्पत्ति साउथ और लैटिन अमेरिकन देशों में हुई।
एक रिपोर्ट के मुताबिक टैपिओका की उत्पत्ति साउथ और लैटिन अमेरिकन देशों में हुई।