इश्क पर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की 7 मशहूर नज्में

Mar 14, 2023Suneet Kumar Singh

दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो हैलम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है

- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाबआज तुम याद बे-हिसाब आए

- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

और क्या देखने को बाक़ी हैआप से दिल लगा के देख लिया

- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार केवो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के

- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

तुम्हारी याद के जब ज़ख़्म भरने लगते हैंकिसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं

- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

वो बात सारे फ़साने में जिस का ज़िक्र न थावो बात उन को बहुत ना-गवार गुज़री है

- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चलेचले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले

- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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