Feb 12, 2025

महिलाएं क्यों करवाती हैं कान छेद? श्रृंगार नहीं सेहत से भी जुड़ा है

Vivek Yadav

महिलाओं के 16 श्रृंगार में बालियां भी शामिल हैं। ये उनकी खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं।

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लोगों को ऐसा लगता है कि कानों में बालियां महिलाएं सुंदरता के लिए पहनती हैं। लेकिन इसके पीछे कई चमत्कारिक वजह है।

कान छिदवाना महिलाओं के सेहत से जुड़ा है। आयुर्वेद और पुरानी चिकित्सा पद्धति में कान छेदन और कानों में बालियों को सेहत के लिए फायदेमंद बताया जाता है।

आयुर्वेद की मानें तो, महिलाओं के कानछेदन और कान में मौजूद सोने की बालियां उनकी प्रजनन क्षमता और मासिक चक्र में काफी फायदेमंद हैं।

वहीं, एक्यूप्रेशर तकनीक में कानछेदन वाले भाग में वो प्वाइंट्स हैं जो दिमाग, कान, नाक और गला से संबंधित हैं जो इनके लिए लाभकारी हैं।

वहीं, चीन की एक पुरानी प्रथा है जिसमें एक्यूप्रेशर में कान के छेद से एक इंच ऊपर छेद करके बैकपेन की समस्या के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है।

वहीं, चीनी चिकित्सा पद्धति में कानछेदन के बाद उसमें सोने की बालियां पहनाया जाता था। इससे शरीर में ऊर्जा के संचार को बढ़ावा मिलता था।

वहीं, पुरानी समय में कान की बालियों या फिर झुमकों में कीमती पत्थरों को जड़ा जाता है। रूबी पत्थर का प्रयोग मासिक चक्र संबंधी समस्याओं में आराम और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता था।

इसके साथ ही कानों की बाली में इमराल्ड से जड़ा पत्थर का इस्तेमाल गर्भपात से बचाव के लिए किया जाता था।

सिर्फ यही नहीं कई लेख में ये बताया गया है कि चीनी चिकित्सा पद्धति में कान की बालियों के पत्थरों को सोने व चांदी के तार से पिरोकर सेक्स क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता था।

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