आजकल की दौड़भाग भरी जिंदगी, बढ़ता मानसिक तनाव, खराब खानपान और अनियमित दिनचर्या के चलते सिरदर्द एक आम समस्या बन चुकी है। लेकिन अगर आपको बार-बार और रुक-रुक कर सिरदर्द होता है, तो इसे नजरअंदाज करना खतरे से खाली नहीं।
यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, खासकर अगर यह दर्द रोजाना एक निश्चित समय पर हो और कुछ खास लक्षणों के साथ दिखाई दे। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि रुक-रुक कर सिरदर्द होने के क्या कारण हो सकते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
रुक-रुक कर सिर में दर्द होने को मेडिकल भाषा में क्लस्टर हेडेक कहा जाता है। यह सिरदर्द का एक ऐसा प्रकार होता है जो अक्सर एक ही तरफ होता है और बार-बार कुछ हफ्तों तक आता है। यह समस्या ज्यादातर 20 से 40 वर्ष के लोगों में देखी जाती है और पुरुषों में इसकी संभावना अधिक होती है।
सिर के एक तरफ तेज दर्द होना, आंखों से पानी आना, आंखें लाल होना, नाक से पानी आना या नाक बंद होना, पलकों का झुक जाना, और बेचैनी और चिड़चिड़ापन। यह दर्द दिन में कई बार हो सकता है, कभी-कभी 7 से 8 बार भी। हर बार इसका असर 15 मिनट से लेकर 3 घंटे तक रह सकता है।
1. स्मोकिंग - जो लोग रोजाना धूम्रपान करते हैं, उनमें क्लस्टर सिरदर्द होने की संभावना ज्यादा होती है। सिगरेट में मौजूद निकोटिन नर्व सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे सिरदर्द की तीव्रता बढ़ सकती है।
शराब के सेवन से ब्रेन में ब्लड वेसल्स फैल जाती हैं, जिससे सिर में दबाव और दर्द पैदा हो सकता है। खासतौर पर क्लस्टर हेडेक वाले लोग अल्कोहल पीते ही तुरंत सिरदर्द महसूस कर सकते हैं।
डार्क चॉकलेट, प्रोसेस्ड मीट, लहसुन, प्याज और मसालेदार भोजन अधिक मात्रा में खाने से भी सिर में दर्द हो सकता है। ऐसे फूड्स ट्रिगरिंग एजेंट की तरह काम करते हैं।
स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाएं, तनाव कम करें और नियमित नींद लें, तेज रोशनी, तेज गंध और तेज आवाज से बचें, योग, मेडिटेशन और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करें, और डॉक्टर से समय पर परामर्श लें और ट्रिगरिंग फैक्टर्स को पहचानें।
अगर सिरदर्द लंबे समय से हो रहा है, दर्द के साथ आंखों या नाक में कोई असामान्य लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। MRI या CT स्कैन जैसे टेस्ट के ज़रिए इसके कारणों की पुष्टि की जा सकती है।