Jan 26, 2024
मोतियाबिंद आंखों से जुड़ी एक सीरियस कंडीशन है, जो आमतौर पर 60 साल से ऊपर के लोगों में अधिक देखने को मिलती है, साथ ही ये बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी जाने के अहम कारणों में से एक है।
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इसमें आंख की ऊपरी परत यानी लेंस वाले हिस्से पर धुंधलापन बढ़ने लगता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स आंखों में चोट लगना, आंख के लेंस को बनाने वाले ऊतकों में परिवर्तन होना, डायबिटिक रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा, लंबे समय तक धूप में रहने, खराब खान-पान, शराब का अधिक सेवन करने आदि को मोतियाबिंद के सबसे आम कारणों में से एक बताते हैं।
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वहीं, अगर समय रहते इस समस्या का इलाज न हो पाए, तो इससे आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा रहता है। इसी कड़ी में यहां हम आपको इस सीरियस कंडीशन के कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।
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इन लक्षणों को पहचानकर आप समय रहते सही इलाज के साथ मोतियाबिंद की समस्या से निजात पा सकते हैं।
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मोतियाबिंद होने पर व्यक्ति को तेज धूप में देखने में परेशानी हो सकती है या रोशनी के चारों ओर रंगीन छल्ले जैसे नजर आने लगते हैं।
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मोतियाबिंद की शुरुआत में व्यक्ति की आंखों में अक्सर रेडनेस रहती है और धीरे-धीरे आंखों के सामने धुंधलापन छाने लगता है।
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वहीं, इससे पीड़ित लोगों को समय-समय पर सिर में भयंकर दर्द का सामना करना पड़ता है।
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इन सब के साथ-साथ कई बार व्यक्ति को रंगों के बीच अंतर करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। स्थित अधिक बिगड़ने पर आंखों का रंग भी धीरे-धीरे पीला पड़ने लगता है।
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