Mar 07, 2025

Ramadan 2025 Rules: क्या मुसलमान औरतें पीरियड में रोज़ा रख सकती हैं, जानिए

Shahina Noor

रमजान का महीना कब होता है?

रमजान का महीना इस्लामी कैलेंडर में 9वां महीना होता है।

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रमजान का महीना किस तरह खास हैं?

यह महीना मुसलमानों के लिए बेहद खास है। इस महीने में मुसलमान लोग 30 दिनों तक रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं।

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इस्लाम में पीरियड में महिलाएं रोजा रख सकती हैं?

इस्लाम में महिलाएं पीरियड के दौरान रोजा नहीं रख सकती।

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इस्लाम में पीरियड में रोजा क्यों मना है?

इस्लामिक शरीअत के मुताबिक जब महिला का पीरियड होता है उस दौरान शरीर में कुछ शारीरिक बदलाव होते हैं,ऐसे में रोजा रखने से सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

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कुरान में पीरियड में रोजा नहीं रखने का निर्देश

कुरआन में पीरियड के दौरान रोजा नहीं रखने का निर्देश दिया गया है। कुरआन में सूरह अल-बकरा की आयत 222 में कहा गया है कि महिलाएं पीरियड में हो तो वो रोजा नहीं रखें।

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क्या फास्ट में पीरियड आ जाए तो रोजा माना जाएगा

अगर आपका पीरियड दिन के समय शुरू होता है तो आपका फास्ट नहीं माना जाता। महिलाएं इस रोजे को बाद में रख सकती हैं।

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महिलाएं पीरियड के बाद कब रोजा रखें

कुरान के मुताबिक महिलाएं पीरियड जब खत्म हो जाए उसके बाद रोजा दोबारा से रख सकती हैं। छूटे हुए रोजों को वो साल में कभी भी रख सकती हैं।

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पीरियड में महिलाएं इबादत कर सकती हैं क्या?

पीरियड में महिलाएं नमाज़ और रोजा नहीं रख सकती। लेकिन वो धार्मिक कार्य कर सकती हैं जैसे कि दुआ, ज़िक्र, और कुरआन की याद की गई आयतें पढ़ सकती हैं।

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