सोते वक्त लोग कई सारी गलतियां करते हैं। तकिया लगाने से लेकर करवट को लेकर लोग गलतियां करते हैं।
सोने की मुद्रा सेहत पर गहरा प्रभाव डालती है। ऐसे में आइए जानते हैं करवट लेकर और फिर पीठ के बल सोने से क्या होता है।
जब करवटलेकर सोते हैं तो इससे स्लीप एपनिया व खर्राटों से राहत मिलती है। दरअसल, साइड पर सोने से वायु मार्ग खुला रहता है जिससे सांस लेने में सुधार होता है।
जब बाईं ओर की तरफ करवट लेकर सोते हैं तो एसिड रिफ्लक्स में मदद मिलती है जिससे भोजन को पचने में आसानी होती है।
गर्भवती महिलाओं को बाईं ओर सोने की सलाह दी जाती है। इस तरफ करवट करके सोने से शिशु को रक्त प्रवाह बेहतर मिलता है।
पीठ के बल सोने से स्पाइन, गर्दन, और कंधे को प्राकृतिक संरेखण ( अलाइनमेंट) मिलता है। इससे सुबह उठने पर दर्द कम होता है।
बाईं या दाईं ओर करवट लेकर सोने से कई बार कंधे और कुल्हे पर दबाव बढ़ जाता है जिससे दर्द की समस्या हो सकती है।
वहीं, जब बाईं या फिर दाईं ओर सो रहे हैं तो इस दौरान एक तकिया सिर और कंधे के बीच, एक घुटनों के बीच में रखने से रीढ़ स्थिर रहता है जिससे दर्द की समस्या नहीं होती है।