गमले में लगे सूखते पौधे अक्सर हमारे मन को दुखी कर देते हैं। उन्हें लगाते समय जितना उत्साह होता है, उनकी मुरझाई हुई पत्तियां देखकर उतनी ही निराशा होती है।
गमले में लगे सूखते पौधे अक्सर हमारे मन को दुखी कर देते हैं। उन्हें लगाते समय जितना उत्साह होता है, उनकी मुरझाई हुई पत्तियां देखकर उतनी ही निराशा होती है।
लेकिन अगर सही देखभाल और थोड़ी-सी समझदारी बरती जाए तो सूखे पौधों में भी फिर से जान डाली जा सकती है।
इसके लिए आपको कहीं बाहर से महंगे प्रोडक्ट लाने की जरूरत नहीं है, बल्कि आपके किचन की कुछ आम चीजें ही इसमें मददगार साबित हो सकती हैं।
अक्सर हम केले खाने के बाद उसके छिलकों को फेंक देते हैं, लेकिन ये छिलके पौधों के लिए वरदान से कम नहीं। इनमें पोटैशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों की जड़ों को मजबूत करते हैं और नई पत्तियों की ग्रोथ में सहायक होते हैं।
आप केले के छिलकों को छोटे टुकड़ों में काटकर सीधे मिट्टी में दबा सकते हैं या फिर इन्हें 2-3 दिन पानी में भिगोकर उस पानी को पौधों में डाल सकते हैं।
आपके किचन से निकलने वाले सब्जियों के छिलकों में भी कई तरह के मिनरल्स होते हैं जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं।
इन छिलकों को सड़ाकर या उनका कंपोस्ट बनाकर आप गमले की मिट्टी में मिला सकते हैं। इससे पौधे जरूरी पोषण प्राप्त करते हैं और धीरे-धीरे फिर से हरे-भरे हो जाते हैं।
जब आप चावल धोते हैं, तो जो सफेद पानी निकलता है, वह स्टार्च और मिनरल्स से भरपूर होता है। इसे फेंकने की बजाय पौधों में डाल दें। यह पानी पौधों की जड़ों को ताकत देता है और उनकी ग्रोथ को बढ़ावा देता है।
उबली हुई चायपत्ती को सुखाकर उसे मिट्टी में मिलाना एक अच्छा उपाय है, खासकर फूलों वाले पौधों के लिए। यह मिट्टी को ऑर्गेनिक रूप से पोषित करती है और पौधों को नया जीवन देती है। ध्यान रहे कि चायपत्ती में दूध या चीनी न मिली हो।
पौधों को सही जगह पर रखना भी उतना ही जरूरी है जितना उन्हें पोषण देना। कोशिश करें कि पौधे ऐसी जगह रखें जहां उन्हें भरपूर धूप और ताजी हवा मिल सके।
साथ ही, समय-समय पर खाद डालते रहें और सूखी या सड़ी पत्तियों को हटाते रहें ताकि पौधे स्वस्थ रहें और रोगमुक्त बने रहें।