Feb 20, 2024
पाइल्स की बीमारी कब्ज के कारण होती है। कब्ज की वजह से ही गुदा से संबंधित बीमारियां जैसे पाइल्प,फिशर और फिस्टुला पनपता है।
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बवासीर दो तरह की होती है। खूनी बवासीर और बादी बवासीर। खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते है और उनसे खून गिरता है जबकि बादी वाली बवासीर में मस्से काले रंग के होते है और मस्सों में दर्द और सूजन होती है।
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मरीज को मल त्याग के समय परेशानी महसूस होती है। ऐसा लगता है कि गुदा की नसें सूजी हुई हैं। मल त्याग के समय खुजली भी हो सकती है।
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मल त्याग के समय दर्द होना और ब्लड या म्यूकस आना, एनस के आसपास सूजन होना, गांठ होना,एनस के आसपास खुजली होना,मल त्याग के बाद भी पेट साफ नहीं होना बवासीर के लक्षण हैं।
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भारी सामान उठाने से पेट और गुदा की दीवारों पर दबाव पड़ता है जिसके कारण खून की नसे प्रभावित होती है और बवासीर का खतरा अधिक होता है।
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डाइट में फाइबर की मात्रा कम है तो आपको पाइल्स होने का खतरा ज्यादा है।
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जरूरत से अधिक नमक और मिर्च खाने से ना केवल स्वाद बिगड़ता है, बल्कि आपकी सेहत पर भी बेहद खराब असर हो सकता है।
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अधिक वजन वाले लोगों में बवासीर का खतरा अधिक रहता है।
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लम्बे समय तक कब्ज का इलाज नहीं करना बवासीर के लक्षण को बढ़ा सकता है।
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