तिरंगा फट जाए या खराब हो जाए, तो क्या करें? राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान के लिए जानें कैसे करें डिस्पोज

Aug 15, 2025, 03:30 PM
Photo Credit : ( PTI )

भारत का राष्ट्रीय ध्वज सिर्फ एक कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि देश की अस्मिता, गौरव और एकता का प्रतीक है। इसे ‘तिरंगा’ नाम इसलिए मिला क्योंकि इसमें तीन रंग — केसरिया, सफेद और हरा — शामिल हैं, जो साहस, शांति और समृद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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इसके बीच में अशोक चक्र न्याय और प्रगति का संदेश देता है। इसलिए, तिरंगे के साथ किसी भी परिस्थिति में सम्मानजनक व्यवहार करना हर भारतीय का कर्तव्य है।

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कभी-कभी लंबे समय तक फहराने के बाद तिरंगा फीका पड़ जाता है, फट जाता है या किसी कारणवश खराब हो जाता है। ऐसे समय पर इसे सामान्य कपड़ों की तरह फेंकना गलत है।

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भारतीय सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता के अंतर्गत इसके निपटान के लिए विशेष नियम बनाए हैं। आइए जानें, खराब या फटे हुए तिरंगे का सही और सम्मानजनक निपटान कैसे किया जाए—

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खराब तिरंगे को दफनाना

भारतीय झंडा संहिता के अनुसार, कटे-फटे या खराब हो चुके तिरंगे को जमीन में दफनाया जाना चाहिए। इसके लिए—

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सबसे पहले एक साफ और मजबूत बॉक्स लें। उसमें तिरंगे को पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ रखें।

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अब इस बॉक्स को किसी एकांत और शांत स्थान पर जमीन में दफना दें। दफनाते समय यह सुनिश्चित करें कि कोई अपमानजनक स्थिति न बने।

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जलाकर नष्ट करना

यदि किसी कारण से तिरंगे को दफनाना संभव न हो, तो उसे जलाकर नष्ट किया जा सकता है। लेकिन यह प्रक्रिया भी एकांत और गरिमापूर्ण वातावरण में होनी चाहिए।

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किसी सुरक्षित स्थान पर तिरंगे को पूरी तरह जलाएं। ध्यान रखें कि यह कार्य किसी भी तरह के अपमान या लापरवाही के बिना किया जाए।

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तिरंगे के अपमान पर दंड

भारतीय कानून के अनुसार, तिरंगे का अपमान करना, उसे फेंक देना या अनुचित तरीके से नष्ट करना अपराध है। ऐसा करने पर दोषी को दंड और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

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क्यों जरूरी है तिरंगे का सम्मान?

तिरंगा सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि देश की आज़ादी, बलिदान और एकता का दर्पण है। इसके रंगों और चक्र में करोड़ों भारतीयों की भावनाएं जुड़ी हैं। इसका सम्मान करना न सिर्फ कानूनी जिम्मेदारी है, बल्कि यह हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य भी है।

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