मां के बेहद करीब थे मुनव्वर राना, ये शेर कर देंगे इमोशनल

मशहूर शायर मुनव्वर राना 71 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए।

वो कई दिनों से बीमार थे और लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

मुनव्वर राना के शायरी का भला दीवाना कौन नहीं है। उनकी शेरो शायरी से पता चलता है कि वो अपनी मां के बेहद करीब थे।

ऐ अंधेरा, देख ले मुंह तेरा काला हो गया, मां ने आंखें खोल दी घर में उजाला हो गया।

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आई मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई।

चलती फिरती हुई आंखों से अजां देखी है मैंने जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है।

मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं, मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है, मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है।