ईरान और इजरायल के बीच मिसाइल हमले हो रहे हैं। अमेरिका भी ईरान के परमाणु ठिकानों हमले कर चुका है। ऐसा इसलिए हो रहा है ताकि ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाई जा सके।
अमेरिका ने ईरान के तीन बड़े परमाणु ठिकानों पर बमबारी की। इस हमले के बाद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नुकसान हुआ है।
वहीं बड़ा सवाल उठता है कि आखिर दुनिया के सभी देश परमाणु हथियार क्यों नहीं बना सकते हैं?
यह एक संधि है जिसमें तय किया गया था कि अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन को छोड़कर किसी भी देश को परमाणु हथियार बनाने की परमिशन नहीं होगी। इस संधि पर 191 देशों ने हस्ताक्षर किए थे।
एनपीटी संधि को 1970 में लागू किया गया था। हालांकि उसके पहले ही अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन ने परमाणु हथियार बना लिया था।
परमाणु हथियार बनाना काफी मुश्किल काम है। संयुक्त राष्ट्र के पांच परमानेंट मेंबर ब्रिटेन, रूस, चीन, अमेरिका और फ्रांस ही परमाणु हथियार बना सकते हैं।
वर्तमान में ब्रिटेन, अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया के पास ही परमाणु हथियार हैं। इजरायल के पास भी परमाणु हथियार हैं, ऐसा कहा जाता है, लेकिन उसने कभी इसे स्वीकार नहीं किया है।
भारत ने एनपीटी संधि पर कभी हस्ताक्षर ही नहीं किया। ऐसे में वह इसे मानने के लिए बाध्य नहीं है। इसी कारण भारत ने 1970 के बाद में परमाणु हथियार बनाए।