अहमदाबाद में भीषण प्लेन हादसा हुआ। इसके बाद ब्लैक बॉक्स की चर्चा तेज हो गई। दरअसल ब्लैक बॉक्स के जरिए ही हादसे की वजह जान पाते हैं।
अहमदाबाद प्लेन हादसे के बाद उत्तराखंड के केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ। इसमें 7 लोगों की मौत हो गई। इस मामले की भी जांच चल रही है और पता लगाया जा रहा है कि हादसे का क्या कारण था?
अब बड़ा सवाल है कि क्या प्लेन की तरह ही हेलीकॉप्टर में भी ब्लैक बॉक्स होता है, जिससे हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके?
हेलीकॉप्टर में ब्लैक बॉक्स होता है। तकनीकी रूप से फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) के रूप में यह जाना जाता है।
हेलीकॉप्टर में एक सिंगल कंबाइंड रिकॉर्डर होता है, जो उड़ान का समय, ऊंचाई, पॉवर, तापमान, बाहरी तापमान और अन्य सभी डेटा को रिकॉर्ड करता है।
हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स 1 घंटे तक 1100 डिग्री सेल्सियस का तापमान और 270 नॉट्स की स्पीड से टक्कर सहन कर सकता है। यह 800 से 1200 पैरामीटर के बीच ट्रैकिंग करता है।
हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स 14000 फीट की समुद्री गहराई तक भी सिग्नल भेजने में सक्षम होता है। इससे हादसे के कारणों का पता लगाने में मदद मिलती है।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश मामले में ब्लैक बॉक्स को बरामद कर लिया गया है। इसके माध्यम से हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।