संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के एमएसपी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार की ओर से कथित रूप से एमएसपी पर पांच साल के कॉन्ट्रैक्ट का प्रस्ताव दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो किसानों के सामने मक्का, कपास, अरहर/तूर, मसूर और उड़द समेत पांच फसलों की खरीद को लेकर पांच साल के कॉन्ट्रैक्ट का प्रस्ताव रखा गया।
किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि C2+50% से नीचे कुछ भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि, स्वानिथान आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार को C2+50% के आधार पर एमएसपी देने का सुझाव दिया था। इसी के आधार पर वो तमाम फसलों पर एमएसपी की गारंटी चाहते हैं।
इसके जरिए किसान अपनी फसल एक फिक्स्ड कीमत पर बेच सकेंगे और उन्हें नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब किसान मोर्चा अलगी मीटिंग 21-22 फरवरी को करेगी।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने सरकार को 21 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद वो दिल्ली के लिए कूच करेंगे।
गुरनाम सिंह चढ़ूनी का कहना है कि, 21 फरवरी तक अगर सरकार नहीं मानी तो फिर हरियाणा भी आंदोलन में शामिल होगा।