पिता रामविलास पासवान की विरासत चिराग पासवान संभाल रहे हैं और फिलहाल मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।
बिहार चुनाव में पिछली बार चिराग की पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ा था और उनकी पार्टी LJP को महज एक सीट मिली थी।
चुनाव की आहट के साथ ही चिराग चर्चा में इसलिए भी आए हैं क्योंकि खबरें हैं कि वे केंद्र छोड़ राज्य में एक्टिव होंगे।
चिराग पासवान के पिता की मृत्यु के बाद चुनौती आई थी। उनके चाचा पशुपति पारस ने पार्टी हथिया ली थी।
पशुपति पारस की चुनौती के बावजूद चिराग ने ताकत दिखाई और 2024 में 5 में से 5 सीटें जीत लीं थी।
चिराग खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताते हैं और इस बार एनडीए में अहम घटक की भूमिका निभा रहे हैं।
चिराग पासवान भले ही एनडीए में हैं, लेकिन कई क्षेत्रीय मुद्दों पर वे अपना अलग पक्ष मजबूती से रखते हैं।
बिहार की राजनीति में इस बार चिराग की पार्टी की बड़ा टेस्ट होने वाला हैं, क्योंकि वो पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश में है।