अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन होने जा रहा है। इस दिन मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की नई प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि नई मूर्ति स्थापित होने के बाद सालों तक टेंट में रही रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या होगा?
बता दें, रामलला की नई मूर्ति को कर्नाटक के रहने वाले अरुण योगीराज ने बनाया है। उनके द्वारा बनाई गई इस मूर्ति को राम मंदिर में स्थापना के लिए चुना गया है।
ऐसे में कई लोगों ने पूछा कि राम जी की उस पुरानी मूर्ति का क्या होगा जो 1950 से अपने जन्म स्थान पर विराजमान थे?
इस सवाल का जवाब देते हुए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि रामलला की पुरानी मूर्ति को मंदिर के अंदर ही दूसरे स्थान पर विराजमान किया जाएगा।
22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। ऐसे में आप चाहे, तो घर पर राम दरबार रख सकते हैं।
उन्होंने कहा, "आप जानते हैं कि जितना विवाद हुआ है और जो कोर्ट में मुकदमा लड़ा गया वो पहले से मौजूद रामलला विराजमान के नाम से लड़ा गया।"
उन्होंने आगे कहा, "उन्हीं के नाम पर सुप्रीम कोर्ट ने हुक्मनामा दिया है। अब मंदिर बन गया है तो इसलिए जैसे रामलला विराजमान की पूजा-अर्चना पहले से होती रही, उसी प्रकार से होती रहेगी।"
सत्येंद्र दास महाराज के मुताबिक जहां नए रामलला रखे जाएंगे, वहीं पर पुराने रामलला भी रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि लोगों को दोनों मूर्तियों के एक साथ दर्शन होंगे।