अयोध्या में आज राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है। राम मंदिर करीब 1000 सालों तक यूं ही अडिग रहेगा। अब इसे चमत्कार कहेंगे या विज्ञान आइए जानते हैं।
राम मंदिर को इस तरह बनाया गया है कि इसे हजार साल तक आंधी, तूफान, बाढ़ तो क्या भूकंप में भी कुछ नहीं होगा। इसे बनाने में कई कंपनियों का अहम योगदान रहा है।
मंदिर के निर्माण का काम इंजीनियरिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी एलएंडटी के पास है। इसी कंपनी ने गुजरात में सरदार पटेल की मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के साथ ही देश दुनिया में कई बड़े प्रोजेक्ट बना चुकी है।
राम मंदिर के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में अहम योगदान टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड कंपनी का है।
राम मंदिर की नींव इतनी मजबूत बनाई गई है कि सदियों तक इसे कोई हिला नहीं पाएगा। राम मंदिर के मिट्टी की टेस्टिंग और एनालिसिस का काम सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने किया।
इस कंपनी ने राम मंदिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन, सूर्य तिलक मैकेनिज्म के डिजाइन और मंदिर के पाउंडेशन के डिजाइन किया है।
नेशनल जियोफिजिक्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) ने अपने एडवांस्ड जियोफिजिकल टेक्नीक्स का इस्तेमाल करते हुए मंदिर के निर्माण स्थल की एक-एक परत का अध्ययन किया और संभावित जोखिमों को पहचान कर कंस्ट्रक्शन टीम को सुझाव दिया।
IIT बॉम्बे, IIT गुवाहाटी और IIT मद्रास की मदद से मंदिर में परंपरागत विधाओं के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, मटेरियल साइंस और भूकंप रोधी डिजाइन में भी ये मदद कर रहे हैं।