दूसरे देशों में डोनट्स का अलग ही महत्व है। विदेशों के अलावा अब यह भारत में भी काफी पसंद किया जाता है। खासकर बच्चे इसे खाने की इच्छा हमेशा जाहिर करते रहते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि डोनट्स के बीच में छेद क्यों होता है? और क्या डोनट्स में हमेशा से ही छेद हुआ करता था?
अगर आप सोचते हैं कि डोनट्स को सुंदर दिखाने के लिए उसमें छेद बनाया जाता है तो आप गलत हैं। चलिए जानते हैं कि कब और कैसे डोनट्स में छेद करने की शुरुआत हुई।
डोनट्स में छेद बनाने की शुरुआत 1847 में हुई थी। इसकी शुरुआत एक शिप कैप्टन हैनसेन ग्रेगरी के सुझाव के बाद की गई थी।
दरअसल, हैनसेन ग्रेगरी शिप पर मिलने वाले फ्राइड केक्स की क्वालिटी से खुश नहीं थे। पहले जब फ्राइड केक में छेद नहीं होते थे तो वह कुछ जगहों पर कच्चा रह जाता था।
कच्चा होने के कारण खाने में इसका स्वाद भी अच्छा नहीं लगता था। जिसके बाद इस समस्या से निपटने के लिए हैनसे ने फ्राइड केक के बीच में एक छेद करने का सुझाव दिया।
छेद करने का सुझाव कारगर साबित हुआ। इससे केक अंदर और बाहर दोनों तरफ से अच्छे से पक जाता था। यहीं से डोनट्स का आविष्कार हुआ।
अब आप जान गए होंगे कि डोनट्स में छेद क्यों किए जाते हैं। आजकल डोनट्स को स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें कई तरह के फ्लेवर डाले जाते हैं और इस पर अलग-अलग तरह की टॉपिंग का भी इस्तेमाल किया जाता है।