चटकारे लेकर खाते होंगे Momos, पता है किसने बनाई थी ये डिश?

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स्ट्रीट फूड

भारत के साथ ही पूरी दुनिया में स्ट्रीट फूड लवर्स की कमी नहीं है।

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कई देशों में हैं मोमोज के दीवाने

खासकर मोमोज की बात जब आती है तो काफी लोगों के मुंह में पानी आ जाता है।

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अलग-अलग वैरायटी

मार्केट में वेज, नॉनवेज और पनीर के साथ ही कई और वैरायटी के मोमोज मिलते हैं।

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किसने बनाया था मोमोज?

लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे पहली बार किसने मोमोज बनाया था।

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काफी पुराना है इतिहास

मोमोज का इतिहास काफी पुराना है और ये कई देशों से होते हुए भारत पहुंचा है।

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कब बना था?

कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पहली बार 14वीं शताब्दी में मोमोज बनाया गया था।

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इस देश में बना था

मोमोज को लेकर नेपाल और तिब्बत दोनों ही दावा करते हैं कि पहले उन्होंने बनाया था। लेकिन इतिहासकारों का झुकाव तिब्बत की ओर ज्यादा है।

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तिब्बती में क्या कहते हैं?

मोमोज नाम तिब्बती शब्द 'मोग मोग' से आया जिसका अर्थ होता है भाप में पकाना।

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मीट भरकर बनाते थे

शुरुआत में मोमोज में मीट भरकर बनाया जाता था। बाद में जब ये भारत और अन्य जगहों पर पहुंचा तो लोग अपने-अपने अनुसार इसे नया रूप देते गए।

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किसने बनाया था?

कई रिपोर्ट में दावा किया जाता है कि सबसे पहली बार तिब्बत की नेवार समुदाय के लोगों ने इसे बनाया था।

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कैसे पहुंचा भारत

ऐसा कहा जाता है कि भारत में ये तब पहुंचा जब 1960 में चीन आक्रमण के बाद बड़ी संख्या में तिब्बती इंडिया आए।

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पहले इन हिस्सों में पहुंचा

लद्दाख, दार्जिलिंग, धर्मशाला और सिक्किमी जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में मोमोज को लोगों ने खूब पसंद किया और फिर धीरे-धीरे ये पूरे भारत में पहुंच गया।

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