अंडे पोषण का खजाना हैं, जिनमें प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। लेकिन इनके साथ कई मिथक जुड़े हुए हैं, जो लोगों को भ्रमित कर सकते हैं। आइए जानते हैं अंडों से जुड़े 8 आम मिथकों और उनकी सच्चाई के बारे में।
यह सही नहीं है। अंडों में कोलेस्ट्रॉल होता है, लेकिन इसका रक्त में कोलेस्ट्रॉल स्तर पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता। दरअसल, अंडे आपके रक्त में लाभकारी HDL (हाई डेंसिटी लाइपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं, जो दिल के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
प्रोटीन मसल्स बनाने में मदद करता है। इसके लिए आप अंडे, चिकन, पनीर, सोया, दाल और मछली को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
अंडे बेहद पौष्टिक होते हैं और इन्हें आपके संतुलित आहार में शामिल किया जा सकता है। रोज अंडे खाना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते आप उन्हें उचित मात्रा में खाएं।
यह बात भी बिल्कुल गलत है। अंडे उन लोगों के लिए अच्छे होते हैं जो वजन घटाना चाहते हैं क्योंकि ये प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं और लंबे समय तक पेट को भरा हुआ रखते हैं। हालांकि, अत्यधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है, जैसा कि किसी भी भोजन के साथ हो सकता है।
अंडे की सफेदी मुख्य रूप से प्रोटीन होती है, जबकि अंडे की जर्दी में विटामिन A, D, E, K और हेल्दी फैट्स होते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। इसलिए, अंडे की जर्दी भी खाने में फायदेमंद होती है।
कच्चे अंडे में सल्मोनेला जैसे हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो सेहत के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं। पकाने से यह बैक्टीरिया मर जाते हैं और अंडे सुरक्षित हो जाते हैं, जबकि पोषण में कोई खास फर्क नहीं आता।
यह मिथक भी गलत है। अब तक ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि अंडे सीधे पिंपल्स पैदा करते हैं। हालांकि, कुछ लोग अंडे से एलर्जी या बेचैनी महसूस कर सकते हैं, जिससे उनकी स्किन पर रिएक्शन हो सकता है।
अंडे का उपयोग सिर्फ नाश्ते तक ही सीमित नहीं है। आप अंडे को अपने दिनभर के भोजन में किसी भी समय खा सकते हैं, चाहे वो ऑमलेट हो, उबले अंडे, या फिर स्क्रैम्बल्ड अंडे।