गर्मियों से राहत के लिए हम भारतीय अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। नींबू शिकंजी, आम पन्ना, बेल का शरबत, सत्तू, लस्सी, छाछ और न जाने क्या-क्या। वहीं हम में से कई लोग गर्मियों के मौसम में चिलचिलाती धूप में सूखते गले को राहत देने के लिए रूह अफजा पीते हैं।
लाल रंग की यह ड्रिंक हमें गर्मी और उमस के मौसम में तरोताजा महसूस कराती है। यह एक ऐसा शरबत है जो भारत के अलावा पाकिस्तान, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, फ्रांस, जर्मनी और कई यूरोपीय देशों में भी बेचा जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस शरबत को सबसे पहले किसने बनाया था। आपको बता दें, रूह अफजा सिर्फ एक शर्बत नहीं बल्कि बोतल में बंद एक इतिहास है।
Hamdard की वेबसाइट के मुताबिक, 1906 में अविभाजित भारत में पुरानी दिल्ली की गलियों में 1883 में जन्में हकीम हाफिज अब्दुल मजीद ने यूनानी चिकित्सा पद्धति का अध्ययन किया और यहां एक हर्बल क्लिनिक खोलने का फैसला किया, जिसका नाम उन्होंने 'हमदर्द' रखा।
उस वक्त भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। हकीम अब्दुल मजीद ने देखा कि दिल्ली में लोग भीषण गर्मी से परेशान थे और बीमार पड़ रहे थे। जिसके बाद हकीम ने एक दवा इजाद की जो बहुत ज्यादा गर्मी के साथ आने वाली परेशानी जैसे डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक, दस्त में मदद करती है।
अब्दुल मजीद ने फलों, जड़ी बूटियों और फूलों के अर्क को मिलाकर एक रिफ्रेशिंग ड्रिंक बनाई, जिसका नाम उन्होंने 'रूह अफजा' रखा। लू और गर्मी से बचाने में हमदर्द का रूह अफजा कमाल का साबित हुआ।
देखते ही देखते यह हमदर्द दवाखाना एक बड़ी कंपनी बन गई। वहीं, 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो हमदर्द कंपनी का भी बंटवारा हो गया। दरअसल, हकीम अब्दुल मजीद के दो बेटे थे, अब्दुल हमीद और मोहम्मद सईद।
दरअसल, 1922 में मजीद का निधन हो गया। जिसके बाद उनकी पत्नी राबिया बेगम और बेटों ने इस व्यवसाय को आगे बढ़ाया। जब देश का विभाजन हुआ तो हकीम के बड़े बेटे अब्दुल हमीद भारत में रहे और यहीं रूह अफजा बनाने लगे।
जबकि हकीम के छोटे बेटे मोहम्मद सईद पाकिस्तान चले गए और कराची में रूह अफजा बनाना शुरू कर दिया। आज के समय में गर्मियों के दौरान और रमजान के महीने में रूह अफजा की मांग सबसे अधिक होती है।
रूह अफजा की शुरुआत एक दवा के तौर पर हुई थी। लोग इसे चिलचिलाती गर्मी, लू से बचने के लिए पीते थे। वहीं, पुरानी दिल्ली की एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ यह शरबत अब दुनिया भर के कई देशों के घरों में एक खास ड्रिंक के रूप में जगह बना चुका है।