रोटी भारतीय भोजन का अहम हिस्सा होता है। चाहे नाश्ता हो, दोपहर का खाना हो या रात का खाना, लोग इसे कभी भी खा सकते हैं। शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब घरों में रोटी न बनाई जाती हो।
रोटी ना सिर्फ हमारा पेट भरती है बल्कि ये हमारी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। गेहूं के आटे से बनी रोटी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन और कई जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं।
कई लोग रोटी को अंग्रेजी में चपाती भी कहते हैं। लेकिन बहुत कम लोग इस बात से सहमत होंगे कि रोटी और चपाती एक-दूसरे से काफी अलग हैं यानी दोनों में काफी अंतर है।
ये दोनों चीजें देखने में एक जैसी लगती हैं, लेकिन आपको बता दें कि इन्हें बनाने का तरीका अलग-अलग है। साथ ही इनके नामों के भी अलग-अलग मतलब होते हैं।
सबसे पहले बात करते हैं रोटी की। रोटी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के रोटिका शब्द से हुई है। इसका मतलब है अनाज पीसकर तवे पर सेंकी गई गोल, चपटी टिकिया।
रोटी बनाने के लिए आटे को सख्त गूंथा जाता है। फिर इसे चकला और बेलन की सहायता से बेल लिया जाता है। फिर इसे तवे पर सेंका जाता है।
जबकि चपाती का आटा थोड़ा गीला गूंथा जाता है। इसे बनाते समय चकला और बेलन का प्रयोग नहीं किया जाता, बल्कि इसे दोनों हाथों से थाप-थाप कर या फिर चपत लगाकर बनाते हैं।
बता दें, चपाती शब्द भी संस्कृत शब्द चर्पट से लिया गया है। चर्पट का अर्थ है चांटा, चपेट या थप्पड़। जब यह शब्द संस्कृत से फ़ारसी में लिया गया तो इसे चपात कहा गया और फिर चपात से यह चपाती बन गया।