जो लोग लंबे समय से खांसी से परेशान हैं उन्हें भांग की सूखी पत्तियों को पीपल के पत्ते, काली मिर्च और सोंठ के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी से जल्द राहत मिल सकती है।
आयुर्वेद के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को लगातार सिरदर्द की शिकायत रहती है तो भांग की पत्तियों का रस निकालकर उसका अर्क बनाकर कान में 2-3 बूंदें डालें। ऐसा करने से सिरदर्द दूर होने लगता है।
नॉटिंघम यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार, भांग स्ट्रोक के प्रभाव को कम करती है। स्ट्रोक की समस्या होने पर भांग का सेवन करने से स्ट्रोक का असर कम हो जाता है।
अगर आपको भूख ना लगने की परेशानी है तो भांग के चूर्ण और काली मिर्च का एक साथ सेवन करें। इसके अलावा भूख बढ़ाने के लिए भांग की चटनी का भी सेवन कर सकते हैं, इससे भूख को जल्द ही बढ़ाया जा सकता है।
कान का दर्द होने पर भांग की पत्तियों के रस को कान में डालने से दर्द से राहत मिलती है।
अगर आपको नींद आने में परेशानी होती है तो अपने पैरों के तलवों पर भांग के तेल की मालिश करें। यह अच्छी नींद लाने में मदद करेगी। भांग के तेल से मालिश करने से जोड़ों के दर्द से राहत मिल सकती है।
डिप्रेशन से उबरने में भांग बहुत मददगार है क्योंकि इसके सेवन से व्यक्ति का मूड अच्छा हो जाता है। कैनाबिस में पाया जाने वाला एंडोकैनाबिनोइड कंपाउंड मूड को स्थिर करने में मदद करता है।
भांग का इस्तेमाल कई मानसिक बीमारियों में भी किया जाता है। इसमें पाई जाने वाली टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल की छोटी खुराक अमाइलॉइड की वृद्धि को बढ़ाने में मदद करती है, जो अल्जाइमर के लिए जिम्मेदार कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। इसके साथ ही भांग सीखने और याद करने की क्षमता बढ़ाती है।