May 16, 2024
हीरामंडी को असल में 'हीरा सिंह दी मंडी' कहा जाता था।
Source: historified_in/Insta
ये तवायफों का गढ़ कहा जाता था, जहां वह संगीत, कविता और नृत्य की कला का प्रदर्शन किया करती थीं।
Source: other
ये तफायफें न केवल सुंदरता से, बल्कि बुद्धि और कला से भी मुगलों का मनोरंजन किया करती थीं।
Source: other
कई तवायफें, अपनी परिस्थितियों के बावजूद, स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदार बनीं।
Source: other
अपने सामाजिक संबंधों का उपयोग करते हुए, उन्होंने जानकारी इकट्ठा की, संदेश भेजे और यहां तक कि आंदोलन में भी हिस्सा लिया।
Source: other
संजय लीला भंसाली ने 'हीरामंडी' में जिस तरह तवायफों को दिखाया गया है, वास्तव में हीरामंडी की तवायफें वैसे ही बुलंद हुआ करती थीं।
Source: other
जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया था, उनके नाम अजीजुनबाई, हुसैनी, बेगम हजरत महल, गौहर जान, हुस्ना बाई, विद्याधर बाई थे।
Source: other
1857 के बाद, ब्रिटिश ने तवायफों के प्रभाव को सीमित कर दिया और उनकी संस्कृति को खत्म कर दिया। एक समय ऐसा आया जब हीरामंडी रेड लाइट एरिया बन गया।
Source: other
आपने नहीं देखी होगी इन बॉलीवुड स्टार्स की ये फैमिली फोटो