तबला वादक जाकिर हुसैन का आज 73वां जन्मदिन है। जाकिर ने देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अपनी कला का परचम लहराया है।
वह तबला वादक उस्ताद अल्ला राखा के बेटे हैं। जाकिर को तबला बजाने का ये हुनर अपने पिता से विरासत में मिला है।
जाकिर हुसैन ने मुंबई के सेंट जेवियर से ग्रेजुएशन किया है। म्यूजिक का रियाज शुरुआती दिनों में उनके पिता ने कराया लेकिन बाद में उन्होंने पंडित शिव कुमार से म्यूजिक सीखा।
जाकिर हुसैन को भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में 1988 में पद्मश्री और 2002 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
वहीं 22 मार्च 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उनके पास 5 ग्रैमी अवॉर्ड्स भी हैं।
जाकिर जब 12 साल के थे तो उन्हें पहली बार अमेरिका में अपना कॉन्सर्ट करने का मौका मिला था। अपने इस कॉन्सर्ट के लिए उन्हें 5 रुपये मिले थे।
साल 1973 में उनका पहला एल्बम 'लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड' रिलीज हुआ था। इसके बाद जाकिर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाते रहे।
साल 1997 में जाकिर हुसैन फिल्म 'साज' में शबाना आजमी के साथ नजर आए थे। इसमें उन्होंने बतौर तबला वादक तो काम किया ही साथ में एक्टिंग भी की थी। इसके अलावा भी जाकिर हुसैन ने कई फिल्मों में काम किया है।
इसके अलावा जाकिर हुसैन को प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में ह्यूमैनिटीज काउंसिल द्वारा ओल्ड डोमिनियन फेलो नामित किया गया था। यहां उन्होंने साल 2005-2006 सेमेस्टर के लिए म्यूजिक डिपार्टमेंट में फुल टाइम प्रोफेसर के रूप में काम किया।
इसके साथ ही वह स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में विजिंट प्रोफेसर भी रहे। मई 2022 में, उन्हें मुंबई यूनिवर्सिटी द्वारा म्यूजिक के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लॉ (LLD) की उपाधि से सम्मानित किया गया।
उनकी नेटवर्थ की बात करें तो मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह करीब 1 मिलियन डॉलर करीब 8 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। वह अपने एक कॉन्सर्ट के लिए करीब 5 से 10 लाख रुपये चार्ज करते हैं।