भारतीय सिनेमा में ऐसे कई लम्हे आए हैं, जिन्होंने परंपराओं को तोड़ते हुए नए आयाम स्थापित किए। इन्हीं में से एक था फिल्मों में पहली बार बिकिनी पहनने का साहसिक कदम।
इस इतिहास को रचने वाली एक्ट्रेस थीं मराठी फिल्मों की जानी-मानी अदाकारा मीनाक्षी शिरोडकर। आइए जानते हैं उनके साहसिक कदम से लेकर बॉलीवुड में बिकिनी के ट्रेंड तक का सफर।
1938 में रिलीज हुई मराठी फिल्म 'ब्रह्मचारी' में मीनाक्षी शिरोडकर ने स्विमसूट पहनकर 'यमुना जळी खेळू खेळ' गाने में परफॉर्म किया। उनका यह कदम उस दौर के पारंपरिक समाज के लिए चौंकाने वाला था।
उनकी इस साहसिक उपस्थिति ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया। हालांकि, उन्हें इसके लिए आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा, लेकिन यह लम्हा भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया।
बता दें, इस फिल्म के जरिए मीनाक्षी शिरोडकर ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की और 1970 के दशक तक फिल्मों में अभिनय करना जारी रखा। मीनाक्षी शिरोडकर दो बॉलीवुड एक्ट्रेस नम्रता शिरोडकर और शिल्पा शिरोडकर की दादी हैं।
वहीं, मीनाक्षी शिरोडकर के इस कदम के करीब 29 साल बाद, 1967 में बॉलीवुड एक्ट्रेस शर्मिला टैगोर ने फिल्म 'एन इवनिंग इन पेरिस' में स्विमसूट पहनकर स्क्रीन पर तहलका मचा दिया। इस फिल्म में उनके अपोजिट शम्मी कपूर थे।
शर्मिला टैगोर का यह लुक उस दौर में चर्चा का विषय बन गया। हालांकि फिल्म में उन्होंने वन-पीस स्विमसूट पहना था, लेकिन 1966 में फिल्मफेयर मैगजीन के कवर के लिए उन्होंने बिकिनी पहनकर फोटोशूट किया, जिसने उन्हें हिंदी सिनेमा का पहला सेक्स सिंबल बना दिया।
लेकिन, 36 साल बाद जब वह सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) की चेयरपर्सन बनीं, तो उन्होंने फिल्मों में बिकिनी के बढ़ते चलन पर चिंता भी जताई थी।
हालांकि, आज भारतीय सिनेमा में बिकिनी एक आम चलन बन चुकी है। दीपिका पादुकोण, कैटरीना कैफ, प्रियंका चोपड़ा जैसी कई एक्ट्रेसेस अब फिल्मों में इस ड्रेस में नजर आती रहती हैं।