Feb 16, 2024
आज भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहेब फाल्के की पुण्यतिथी है। उनके नाम से ही आज के वक्त में इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सम्मान दिया जाता है।
Source: express-archives
दादा साहेब फाल्के ने ही भारत की पहली फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' बनाई थी। यह फिल्म साल 1913 में आई थी।
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लेकिन दादा साहब फाल्के के लिए यह फिल्म बनाना आसान नहीं था। इस फिल्म को बनाने के लिए उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
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इस फिल्म को बनाने के लिए उन्होंने इंश्योरेंस पॉलिसी और अपनी पत्नी के गहनों को गिरवी रख दिया था।
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इस फिल्म को बनाने में लगभग 15 हजार रुपये की लागत आई थी, जो उस समय बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी।
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हालांकि, इस फिल्म को बनाने में सिर्फ पैसा ही नहीं बल्कि एक और समस्या भी थी। वह थी महिला कलाकारों की कमी।
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फिल्म के लिए पुरुष कलाकारों तो बहुत थे, लेकिन कोई भी महिला फिल्म में रोल निभाने के लिए तैयार नहीं थी।
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महिला कलाकार की खोज में दादा साहेब फाल्के रेड लाइट एरिया तक चले गए थे, लेकिन बात नहीं बनी।
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इन सबके बीच दादा साहेब फाल्के हताश और परेशान होकर ईरानी रेस्टोरेंट में चाय पीने पहुंचे। तभी उनकी नजर एक गोरे और दुबले-पतले रसोइये पर पड़ी।
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फिर क्या था उन्होंने उस रसोइये से बात की और उसे फिल्म में एक्ट्रेस बनने के लिए मना लिया। जब यह फिल्म बनकर तैयार हुई और रिलीज हुई तो यह सुपरहिट साबित हुई।
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