राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों को बड़े पैमाने पर बंद करने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश ने देशभर में बहस छेड़ दी है। इस मामले पर अब बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री के कई सितारे खुलकर सामने आए हैं।
जॉन अब्राहम, वरुण धवन, जाह्नवी कपूर, अदिवी शेष और कॉमेडियन वीर दास ने न केवल सोशल मीडिया के जरिए विरोध जताया, बल्कि कोर्ट और सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील भी की है।
बॉलीवुड एक्टर जॉन अब्राहम ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा कि सड़क के कुत्ते 'आवारा' नहीं, बल्कि सामुदायिक कुत्ते हैं, जिन्हें कई लोग प्यार और सम्मान देते हैं। उन्होंने ‘करुणा, विज्ञान-आधारित समाधान और भारतीय कानून के अनुपालन’ की मांग करते हुए कहा कि ये कुत्ते पीढ़ियों से मनुष्यों के पड़ोसी के रूप में यहां रह रहे हैं।
जॉन ने 'वैक्यूम इम्पेक्ट' पर भी जोर दिया, जो यह दर्शाता है कि कुत्तों को हटाने से समस्या खत्म नहीं होती, बल्कि और बढ़ सकती है।
साउथ एक्टर अदिवी शेष ने भी मुख्य न्यायाधीश और दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि नसबंदी और टीकाकरण किए गए कुत्ते किसी के लिए खतरा नहीं होते। ऐसे कुत्तों को उनके अपने इलाके में रहने दिया जाना चाहिए।
अदिवी ने सुझाव दिया कि स्थायी समाधान के लिए नसबंदी और टीकाकरण अभियान को बढ़ावा दिया जाए, खाद्य स्रोतों का बेहतर प्रबंधन हो, सामुदायिक देखभाल करने वालों को सशक्त बनाया जाए और क्रूरता व परित्याग के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
इस मामले में वरुण धवन और जाह्नवी कपूर ने भी अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी के जरिए कोर्ट के निर्देश का विरोध किया और लोगों से जागरूकता फैलाने की अपील की।
दोनों सितारों ने पशु अधिकारों की रक्षा के लिए करुणा और संवेदनशीलता अपनाने पर जोर दिया।
कॉमेडियन और एक्टर वीर दास ने अदिवी शेष का समर्थन करते हुए दिल्लीवासियों से सड़क के कुत्तों को गोद लेने की अपील की। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा कि ये कुत्ते स्वस्थ होते हैं, कम देखभाल की जरूरत होती है और वे आपको अपार प्रेम देते हैं।
वीर ने लोगों से अपने नजदीकी पशु कल्याण एनजीओ को उदारता से सहयोग करने और तुरंत कदम उठाने की अपील की, ताकि कोर्ट की प्रक्रिया के दौरान भी इन जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जहां प्रशासन इसे सार्वजनिक सुरक्षा के लिहाज से जरूरी बता रहा है, वहीं पशु प्रेमी और सेलेब्स मानवीय और कानूनसम्मत विकल्पों की पैरवी कर रहे हैं। अब देखना होगा कि अदालत और सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और क्या कोई ऐसा रास्ता निकलता है जो इंसानों और जानवरों—दोनों के लिए सुरक्षित और न्यायपूर्ण हो।
जहां एक तरफ लोगों की सुरक्षा और स्वच्छता जरूरी है, वहीं दूसरी तरफ इन बेजुबान जानवरों की जिंदगी और अधिकारों की रक्षा भी उतनी ही अहम है।