शुरुआत में बच्चों को पेंसिल से लिखना सिखाया जाता है। फिर एक निश्चित उम्र और क्लास के बाद उन्हें नीली और काली स्याही वाले पेन से लिखने की अनुमति दी जाती है। वहीं टीचर्स इनके साथ-साथ लाल रंग के पेन का भी इस्तेमाल करते हैं।
लेकिन क्या आपने कभी टीचर्स के लाल रंग के पेन के पीछे की कहानी जानने की कोशिश की है? चलिए आपको बताते हैं टीचर्स लाल रंग के पेन का इस्तेमाल क्यों करते हैं।
दरअसल, लाल रंग सबसे ज्यादा हाईलाइट होता है। जब टीचर स्टूडेंट की कॉपी चेक करते हैं तो लाल रंग का एक बिंदु भी आसानी से दिख जाता है। इससे पता चलता है कि कितनी गलतियां की गई हैं।
हर जगह टीचर्स छात्रों की नोट बुक, एग्जाम शीट आदि की गलतियों को सुधारने के लिए लाल पेन का इस्तेमाल करते हैं।
अगर टीचर्स भी नीले या काले पेन का प्रयोग करेंगे तो यह स्पष्ट रूप से समझ पाना मुश्किल होगा कि बच्चों ने जो लिखा है उसमें क्या गलती है, जो लाल स्याही से दूर से ही दिखाई दे जाता है।
इसलिए टीचर्स कॉपी चेक करते वक्त नीले और काले पेन का इस्तेमाल नहीं करते क्योंकि ऐसा करने पर स्टूडेट्स की राइटिंग और टीचर्स के रिमार्क में फर्क करना मुश्किल हो जाएगा।
जहां टीचर्स लाल रंग के पेन का इस्तेमाल करते हैं, वहीं स्कूल के प्रिंसिपल हरे रंग के पेन का उपयोग करते हैं। दरअसल, स्कूल के प्रिंसिपल राजपत्रित अधिकारी (Gazetted officer) की श्रेणी के अंतर्गत आते हैं।
बहुत कम लोग जानते हैं कि हरे रंग की स्याही वाले पेन का इस्तेमाल सिर्फ राजपत्रित अधिकारी ही करते हैं। इसके पीछे कारण यह है कि ऑफिस में किसी के हस्ताक्षर की नकल करना मुश्किल होता है।