ज्यादातर समय आसमान नीले रंग का दिखाई देता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि आसमान नीला ही क्यों दिखाई देता है।
दरअसल, आसमान का नीला रंग दिखना प्रकाश के प्रकीर्णन के चलते होता है।
सूरज से सफेद रंग की किरण निकलती है जो इंद्रधनुष के सात रंगों से मिलकर बनती है।
जब वायुमंडल में गैस, धूल और कणों पर प्रकाश पड़ता है तो वो इसे सोखकर हर दिशा में फैला देते हैं जिसे प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं।
सूरज का प्रकाश जब धरती के पड़ता है तो वायुमंडल में मौजूद कणों से टकराता जिससे चलते वो फैल जाता है।
वहीं, जिस कलर का वेवलेंथ जितनी कम होगी वो उतना ज्यादा फैलती है। नारंगी या फिर पीले की तुलना में नीले रंग की वेवलेंथ कम होती है जिसके चलते ये धरती के वातावरण में ज्यादा फैलती है।
इसके साथ ही सूर्य की किरणों जब धरती के वातावरण में प्रवेश करती हैं तो धूल के कणों से टकराकर ये बिखर जाती हैं जिससे बिखरा हुआ प्रकाश नीले और बैंगनी रंग का दिखाई देता है।
लेकिन नीला रंग का वेवलेंथ बैंगनी से ज्यादा होता है जिसके चलते आसमान नीला का नजर आता है।