रात के आकाश में जब हम सितारों को देखते हैं, तो वे टिमटिमाते हुए नजर आते हैं। लेकिन ग्रहों को देखने पर वे स्थिर दिखाई देते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? इसका कारण पृथ्वी का वायुमंडल और प्रकाश का अपवर्तन (Refraction) है। आइए, इस दिलचस्प खगोलीय घटना को विस्तार से समझते हैं।
सितारे हमसे अत्यधिक दूरी पर स्थित होते हैं और हमें छोटे बिंदु (Point Source) के रूप में दिखाई देते हैं। जब सितारों की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरती है, तो यह अलग-अलग परतों में मौजूद हवा के घनत्व और तापमान के कारण बार-बार मुड़ती (बेंड होती) है।
यह प्रक्रिया वायुमंडलीय अपवर्तन (Atmospheric Refraction) कहलाती है। इस वजह से, जब हम किसी सितारे को देखते हैं, तो उसकी रोशनी का रास्ता लगातार बदलता रहता है। इससे कभी वह थोड़ा चमकीला तो कभी थोड़ा धुंधला दिखाई देता है। इस बदलाव को हम 'टिमटिमाना' (Twinkling) कहते हैं।
ग्रहों का हमसे फासला सितारों की तुलना में बहुत कम होता है। इसलिए, जब हम ग्रहों को देखते हैं, तो वे हमें छोटे बिंदुओं के बजाय थोड़े बड़े आकार में दिखते हैं।
चूंकि ग्रह अपेक्षाकृत नजदीक हैं, वे हमें एक विस्तृत आकार के रूप में दिखाई देते हैं। उनकी रोशनी कई बिंदुओं से आती है, न कि एक ही बिंदु से। जब पृथ्वी का वायुमंडल किसी एक बिंदु की रोशनी को मोड़ता है, तो अन्य बिंदुओं से आने वाली रोशनी इस प्रभाव को संतुलित कर देती है। इसलिए, ग्रहों की रोशनी टिमटिमाने की बजाय स्थिर दिखाई देती है।
क्योंकि ग्रहों की रोशनी का फैलाव अधिक होता है, वायुमंडलीय अपवर्तन (Atmospheric Refraction) ग्रहों पर उतना असर नहीं डालता, जितना कि सितारों पर। इसी कारण ग्रहों की रोशनी बिना टिमटिमाए सीधी और स्थिर दिखाई देती है।
हालांकि सामान्य परिस्थितियों में ग्रह टिमटिमाते नहीं हैं, लेकिन अगर वे क्षितिज (Horizon) के पास होते हैं, तो वे हल्का टिमटिमा सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हम क्षितिज के पास देखते हैं, तो प्रकाश को वायुमंडल की अधिक परतों से गुजरना पड़ता है, जिससे उसका अपवर्तन बढ़ जाता है।
अगर कोई चमकदार पिंड लगातार टिमटिमा रहा है, तो वह तारा है। अगर कोई चमकीला पिंड स्थिर चमक बिखेर रहा है, तो वह ग्रह हो सकता है।
यही कारण है कि आकाश में दिखने वाले ग्रहों जैसे शुक्र (Venus), बृहस्पति (Jupiter), मंगल (Mars) और शनि (Saturn) को आसानी से पहचाना जा सकता है, क्योंकि वे बिना टिमटिमाए चमकते हैं।
अगर कोई अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) या चंद्रमा से सितारों को देखे, तो वे टिमटिमाते हुए नहीं दिखेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि अंतरिक्ष में वायुमंडल नहीं होता, जिससे प्रकाश का अपवर्तन न के बराबर होता है। इसलिए, सितारे वहां स्थिर चमकते हुए दिखाई देते हैं।