भारत की आर्थिक असमानता को लेकर हाल ही में इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल टू द प्राइम मिनिस्टर (EAC-PM) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि देश में सबसे अमीर और सबसे गरीब राज्य कौन से हैं। इस रिपोर्ट में प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) को आधार बनाकर राज्यों की आर्थिक स्थिति को दर्शाया गया है।
EAC-PM की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सबसे अमीर राज्यों की सूची में तेलंगाना, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और उत्तराखंड शामिल हैं। इन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय देश के औसत से काफी अधिक है।
प्रति व्यक्ति आय के प्रतिशत के आधार पर भारत के टॉप 5 अमीर राज्यों में तेलंगाना (176.8%), दिल्ली (167.5%), हरियाणा (176.8%), महाराष्ट्र (150.7%), और उत्तराखंड (145.5%) शामिल हैं।
तेलंगाना, जो 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होकर भारत का सबसे नया राज्य बना, अब सबसे अमीर राज्यों में शामिल हो गया है। दिल्ली और हरियाणा की अर्थव्यवस्था भी काफी मजबूत है। वहीं, महाराष्ट्र देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है, लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में वह टॉप स्थान पर नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा गरीब आबादी बिहार में रहती है। इस सूची में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी शामिल हैं।
प्रति व्यक्ति आय के प्रतिशत के आधार पर भारत के 5 सबसे गरीब राज्यों में बिहार (39.2%), उत्तर प्रदेश (43.8%), मध्य प्रदेश (46.1%), राजस्थान (51.6%), और छत्तीसगढ़ (52.3%) शामिल हैं।
बिहार और उत्तर प्रदेश, जो देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य हैं, प्रति व्यक्ति आय के मामले में सबसे निचले पायदान पर हैं। इन राज्यों में आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी रही है, जिससे गरीबी और बेरोजगारी की समस्या बनी हुई है।
EAC-PM की रिपोर्ट में किसी राज्य की आर्थिक स्थिति को मापने के लिए 'प्रति व्यक्ति आय' का उपयोग किया गया है।
किसी राज्य की कुल आय (GDP) को उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित करके प्रति व्यक्ति आय निकाली जाती है। यह दर्शाता है कि एक सामान्य व्यक्ति सालभर में कितनी आय अर्जित करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में दक्षिणी राज्यों का आर्थिक योगदान तेजी से बढ़ रहा है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु देश की कुल GDP का 30% योगदान देते हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों का योगदान घट रहा है।