प्ले स्कूल बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्ले स्कूल बच्चों को सामाजिक, भावनात्मक, शैक्षिक और रचनात्मक रूप से विकसित होने का अवसर प्रदान करते हैं। वह इससे चीजें आसानी से सीखते हैं।
प्ले स्कूल के जरिए बच्चा कई एक्टिविटी में शामिल होता है जिससे उसका दिमाग विकसित होता है। बच्चों को यहां कई क्रिएटिव चीजें सिखाई जाती है जो बच्चे के फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है।
कई पेरेंट्स अपने बच्चे को बहुत कम उम्र में ही स्कूल भेज देते हैं। उनका मानना है कि भविष्य में बच्चा कम उम्र में ही अपना स्कूल पूरा कर लेगा। लेकिन ऐसे में बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
डायरेक्ट स्कूल में एडमिशन करवाने से पहले बच्चे को प्ले स्कूल जरूर भेजना चाहिए ताकि बच्चा लोगों के बीच रहना और दूसरे बच्चों के साथ घुलना-मिलना सीख सके।
अगर हम प्ले स्कूल में बच्चे के दाखिले की सही उम्र की बात करें तो एक रिसर्च के मुताबिक, 5 साल की उम्र तक बच्चे का 90 फीसदी दिमाग विकसित हो जाता है।
वहीं, 5 साल की उम्र में आप बच्चे का स्कूल में एडमिशन करवा सकते हैं। ऐसे में आप उन्हें तीन से चार साल की उम्र में प्ले स्कूल भेज सकते हैं ताकि वह अपना काम खुद करना सीख सके और साथ ही वह किसी से अपनी बात कह सकें।
जैसे वह अपने टीचर को भूख लगने और बाथरूम जाने के बारे में बता सकें। प्ले स्कूल भेजने से बच्चा लगभग 1 से डेढ़ साल में सही से बोलना, दोस्त बनाना, अपना काम खुद करना सीख जाते हैं।
बहुत छोटे बच्चे को प्ले स्कूल न भेजें। छोटे बच्चों पर कम उम्र में ज्यादा प्रेशर नहीं देना चाहिए। इससे उनके विकास पर असर पड़ सकता है।