भारत एक प्राचीन और समृद्ध संस्कृति वाला देश है, जिसे अलग-अलग सभ्यताओं और भाषाओं में विभिन्न नामों से जाना जाता है। समय के साथ अलग-अलग संस्कृतियों ने भारत को अलग-अलग नाम दिए, जो उनके ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण को दर्शाते हैं। आइए जानते हैं कि भारत को विभिन्न भाषाओं में क्या कहा जाता है और इन नामों का क्या अर्थ है।
यह नाम वेदों और प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है। ‘आर्यावर्त’ का अर्थ है ‘आर्यों की भूमि’। यह नाम भारत के उत्तरी भाग के लिए प्रयुक्त होता था, विशेष रूप से वह क्षेत्र जहां वैदिक संस्कृति फली-फूली। यह नाम विशेष रूप से गंगा और यमुना के बीच के क्षेत्र को संदर्भित करता था।
चीनी यात्रियों और ग्रंथों में भारत को ‘तियानझू’ कहा गया है, जिसका अर्थ ‘दिव्य भूमि’ है। प्रसिद्ध चीनी यात्री ह्वेनसांग और फाह्यान ने अपने यात्रा वृत्तांतों में भारत को इसी नाम से संबोधित किया है। यह नाम बौद्ध धर्म के प्रचार के दौरान चीन में लोकप्रिय हुआ।
प्रसिद्ध यूनानी इतिहासकार मेगस्थनीज ने अपनी पुस्तक ‘इण्डिका’ में भारत का उल्लेख किया था। यह नाम ‘सिंधु’ नदी से प्रेरित होकर ग्रीक भाषा में प्रचलित हुआ।
यह नाम बाइबिल के हिब्रू ग्रंथों में मिलता है। ‘होडू’ शब्द संस्कृत के ‘सिंधु’ से लिया गया है और यह यहूदियों द्वारा भारत के लिए प्रयुक्त किया जाता था।
मेसोपोटामिया की सभ्यता में भारत को ‘मेलुहा’ कहा गया है। यह नाम विशेष रूप से सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ा हुआ है और माना जाता है कि प्राचीन सुमेरियन सभ्यता के लोग भारत को इसी नाम से जानते थे। यह नाम विशेष रूप से सिंधु घाटी के समृद्ध व्यापारिक केंद्रों से जुड़ा हुआ है।
बौद्ध और जैन ग्रंथों में भारत को "जम्बूद्वीप" कहा गया है, जिसका अर्थ "जम्बू (जामुन) के पेड़ों से भरी भूमि" है। इस नाम का उल्लेख महाभारत, पुराणों, बौद्ध-जैन ग्रंथों और अन्य प्राचीन ग्रंथों में मिलता है।
हिंदू धर्म के पुराणों में भारत को ‘भारतखंड’ कहा गया है, जो कि राजा भरत के नाम पर आधारित है। राजा भरत एक महान शासक थे, जिनके नाम से पूरे देश को ‘भारत’ कहा जाने लगा।
फारसी और अरबी ग्रंथों में भारत को ‘हिंद’ के नाम से जाना जाता था। यह नाम संस्कृत के ‘सिंधु’ शब्द से लिया गया है। बाद में ‘हिंदुस्तान’ शब्द भी प्रचलन में आया, जिसका अर्थ है ‘हिंद की भूमि’ या ‘हिंदुओं का स्थान’।
ऋग्वेद और अन्य वैदिक ग्रंथों में भारत को ‘सिंधु’ कहा गया है। ‘सिंधु’ शब्द का प्रयोग विशेष रूप से सिंधु नदी के लिए किया जाता था, जो बाद में पूरे देश के लिए प्रचलित हो गया। यही नाम आगे चलकर "हिंदु" और फिर "इंडिया" बना।