वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। बजट के दौरान कई ऐसे नाम लिए जाते हैं जिसके बारे में हर किसी को जानकारी नहीं होती है। आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं ये शब्द:
कम कमाई और खर्च ज्यादा हो रहा है तो इसका मतलब है सरकार घाटे में है और इसे फिस्कल डिफिसिट (राजकोषीय घाटा) कहते हैं।
आने वाले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार जो कमाई और खर्च का अनुमान बताती है, उसे बजट एस्टिमेट या बजट अनुमान कहते हैं।
केंद्रीय बजट पेश होने के बाद संसद में सरकार फाइनेंस बिल पेश करती है। इसमें सरकार की कमाई की पूरी जानकारी दी गई होती है।
सरकार ने दो साल पहले वास्तव में जितना कमाया है और जितना खर्च किया है उसे एक्चुअल यानी वास्तविक उसे कहते हैं।
एप्रोप्रिएशन बिल यानी विनियोग विधेयक में केंद्र सरकार के खर्च का पूरा ब्योरा होता है।
कमाई ज्यादा और खर्च कम हो रहा है तो उसे राजकोषीय मुनाफा कहते हैं।
ये राजस्व घाटा होता है। यानी की सरकार ने इनकम का जो टारगेट सेट किया था उससे कमाई कम हुई हो।
इमरजेंसी की स्थिति में सरकार जिस फंड से पैसा निकालती है वो कंटिंजेंसी फंड कहलाता है।
सरकार देश चलाने के लिए जो पैसे खर्च करती है उसे रेवेन्यू एक्सपेंडिचर कहते हैं। इसमें सैलरी, कर्ज देने, सब्सिडी से लेकर राज्य सरकारों को ग्रांट देना शामिल है।