आज यानी 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 के लिए बजट पेश करेंगी। ये अंतरिम बजट है और पूर्ण बजट अप्रैल-मई में आम चुनाव के होने के बाद पेश किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने दो कार्यकाल में बजट में कई बड़े बदलाव किए जिसमें से एक अहम रहा। सरकार ने रेलवे से जुड़ी 92 साल पुरानी परंपरा को बदला था।
साल 2017 में यूनियन बजट में बड़ा बदलाव करते हुए मोदी सरकार ने फैसला किया था कि अब से आम बजट और रेल बजट एक साथ पेश किए जाएंगे।
आम बजट और रेलवे बजट के मर्जर के बाद 1 फरवरी 2017 को सुबह 11 बजे एक ही बजट पेश किया गया था। 2017 से पहले देश में दो तरह के बजट पेश किए जाते थे।
आम बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और देश के आर्थिक विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं होती थी और रेलवे से जुड़ी योजनाओं और बजट का लेखा-जोखा रेल बजट में पेश होता था।
ब्रिटिश शासन के दौरान रेल बजट पहली बार 1924 में पेश किया गया और तब से लेकर 2017 तक लगातार हर साल आम बजट से एक दिन पहले रेलवे बजट पेश किया जाता था।
बता दें कि, ब्रिटिश शासन से चली आ रही इस परंपरा को खत्म करने की सरकार सिफारिश नीति आयोग ने की थी। दोनों बजट को एक साथ पहली बार संसद में पेश करने वाले मंत्री अरुण जेटली थे।
इस प्रस्ताव के बाद सरकार ने अलग-अलग अथॉरिटी से विचार-विमर्श किया जिसके बाद रेलवे बजट को आम बजट में मिलाने का फैसला किया था।