भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI के इतिहास में 1 अप्रैल की तारीख बेहद अहम है। RBI आज 90 साल का हो गया है। यह भारत का केंद्रीय बैंक है। किसी भी बैंक के केंद्रीय बैंक का बड़ा काम होता है। वह देश का करेंसी मैनेजर होता है।
रिजर्व बैंक के 90 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई में आयोजित एक समारोह को संबोधित किया, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी शामिल हुए थे। इस मौके पर उन्होंने 90 रुपए का स्मारक सिक्का भी जारी किया है।
भारत में केंद्रीय बैंक ने आजादी से पहले ही काम करना शुरू कर दिया था। इसकी स्थापना उस समय हिल्टन यंग कमीशन के सुझाव पर अंग्रेजों ने की थी।
भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को अंग्रेजों द्वारा लाये गये भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत की गई थी। वहीं, 1 जनवरी 1949 को इसका राष्ट्रीयकरण किया गया था।
शुरुआत में RBI का मुख्यालय कोलकाता में हुआ करता था, जो कि 1937 में मुंबई शिफ्ट हो गया था।
RBI ने जुलाई 1948 तक पाकिस्तान और अप्रैल 1947 तक म्यांमार (बर्मा) के सेंट्रल बैंक के रूप में काम किया है।
RBI के पहले गवर्नर सर ओसबोर्न स्मिथ थे। वह एक प्रोफेशनल बैंकर थे। हालांकि उन्होंने RBI में अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी भारतीय रुपए के नोट पर हस्ताक्षर नहीं किए।
11-08-1943 को चिंतामन द्वारकानाथ देशमुख उर्फ सीडी देशमुख के रूप में RBI को पहला भारतीय गवर्नर मिला था।
बता दें, RBI भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत आता है। RBI के सेंट्रल ऑफिस में गवर्नर बैठते हैं और यहीं पर केंद्रीय बैंक द्वारा नीतियां बनाई जाती है।