केंद्रीय बजट 2025, जिसे 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा, मोदी सरकार 3.0 का दूसरा पूर्ण बजट होगा। इस साल का बजट भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा, जो उनका लगातार सातवां बजट होगा। आइए जानते हैं केंद्रीय बजट से जुड़ी हर जानकारी और इसे तैयार करने की प्रक्रिया।
केंद्रीय बजट एक वार्षिक वित्तीय विवरण है, जो केंद्रीय सरकार की आगामी वित्तीय वर्ष (जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है) के लिए आय और व्यय की योजना प्रस्तुत करता है। यह बजट सरकार के राजकोषीय, खर्च, आय और आर्थिक योजनाओं को स्पष्ट करता है। 2019 से इसे 'बही-खाता' कहा जाता है, जो बजट दस्तावेज का भारतीय नामकरण है।
केंद्रीय बजट को तैयार करने की प्रक्रिया लगभग छह महीने पहले शुरू होती है। यह प्रक्रिया सितंबर के आसपास शुरू होती है और इसमें कई चरण शामिल होते हैं:
वित्त मंत्रालय सभी मंत्रालयों और विभागों को एक बजट सर्कुलर भेजता है, जिसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमान और अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट अनुमान तैयार करने के दिशा-निर्देश दिए जाते हैं।
सभी मंत्रालय और विभाग अपनी आय और व्यय का विवरण वित्त मंत्रालय को प्रस्तुत करते हैं। इसमें केंद्रीय करों और शुल्कों का विवरण भी शामिल होता है।
मंत्रालय और विभाग Provisional Statement of Budget Estimates (SBE) के माध्यम से अपने बजट प्रस्ताव जमा करते हैं।
अक्टूबर के मध्य से, सचिव (व्यय) के नेतृत्व में उच्च-स्तरीय अधिकारी विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के साथ बैठकें करते हैं। इन बैठकों में हर मंत्रालय और विभाग के लिए बजट सीमा तय की जाती है।
बजट आवंटन पर आपत्तियों और सुझावों पर चर्चा की जाती है और प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिमंडल के साथ परामर्श के बाद अंतिम निर्णय लिया जाता है।
बजट अंतिम रूप से तैयार होने के बाद, वित्त मंत्री का भाषण वित्त मंत्रालय और केंद्रीय सरकार के विभागों से प्राप्त इनपुट के आधार पर तैयार किया जाता है।
बजट दस्तावेजों की छपाई वित्त मंत्रालय के इन-हाउस प्रेस में होती है। इस दौरान बजट से जुड़ी जानकारी को गोपनीय बनाए रखने के लिए कड़ी सुरक्षा रखी जाती है।
बजट तैयार करने की प्रक्रिया का अंतिम चरण हलवा सेरेमनी होती है। यह एक परंपरा है, जिसमें वित्त मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी मिलकर हलवा बनाते और खाते हैं।
हलवा सेरेमनी के बाद, बजट तैयार करने में शामिल अधिकारियों को लॉक-इन किया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बजट की गोपनीयता बनी रहे, उन्हें बजट पेश होने तक बाहरी संपर्क की अनुमति नहीं होती।
जब बजट तैयार हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति की अनुमति के बाद 1 फरवरी को लोकसभा में पेश किया जाता है। इसके तुरंत बाद बजट से संबंधित वित्तीय प्रस्तावों को लागू करने के लिए बिल पेश किया जाता है।