सूरज की यूवी यानी अल्ट्रावायलेट किरणों का असर जब हमारी स्किन पर पड़ता है तो इससे सनबर्न, चकत्ते, मुंहासे, काले धब्बे और झुर्रियों का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है। सनस्क्रीन में सबसे ज्यादा महत्व SPF का होता है जो हमारी त्वचा को अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने का काम करता है।
SPF यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर (Sun Protection Factor) जिससे ये पता चलता है कि जो सनस्क्रीन आप अपनी त्वचा पर लगा रही हैं वो स्किन को यूवी किरणों से कितनी बेहतर तरीके से बचा सकती है।
पानी में एक बार में 20 मिनट से अधिक समय न बिताएं, साथ ही समय-समय पर सनस्क्रीन रिप्लाई जरूर करें।
बिना SPF वाली क्रीम लगाने पर तेज धूप में त्वचा 20 मिनट के भीतर झुलस सकती है। वहीं, अगर सबसे कम SPF वाली ही सनस्क्रीन लगा लेती हैं तो ये करीब 300 मिनट तक आपकी त्वचा को प्रोटेक्ट करती है।
SPF भी कई तरह के हैं। SPF 2 जो सिर्फ 2 प्रतिशत ही यूवी किरणों को ब्लॉक करने में सक्षम है। वहीं, SPF 15 वाली सनस्क्रीन 93 प्रतिशत यूवी किरणों को ब्लॉक करती है।
इसी तरह एसपीएफ 30 करीब 97 प्रतिशत और एसपीएफ 50 करीब 98 प्रतिशत यूवी किरणों को ब्लॉक करती है।
कौन सी एसपीएफ वाली सनस्क्रीन आपकी त्वचा को ज्यादा सूट करेगी इसकी सलाह डॉक्टर से भी ले सकती हैं। वहीं, घर से बाहर निकलने से करीब 20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है।