आपने कभी न कभी कार या पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर तो किया ही होगा। ऐसे में आपने गाड़ियों की स्टीयरिंग और ड्राइवर सीट पर भी ध्यान दिया होगा।
हमारे देश में बनने वाली कारों से लेकर बसों तक की स्टीयरिंग राइट साइड में होती है। लेकिन आपको बता दें कि पूरी दुनिया में गाड़ियों की स्टीयरिंग की जगह एक जैसी नहीं होती है।
भारत और ब्रिटेन समेत दुनिया के ज्यादातर देशों में राइट साइड स्टीयरिंग लगाई जाती है। लेकिन अमेरिका, फ्रांस और हॉलैंड समेत कई देशों में गाड़ियों में स्टीयरिंग लेफ्ट साइड होती है।
ऐसे में आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि ये लेफ्ट-राइट का मामला क्यों है? दरअसल, इसके पीछे कई कारण हैं। पहली बात तो यह है कि पुराने समय में गाड़ियां नहीं होती थीं, उस समय लोग घोड़ागाड़ी पर सवार होते थे।
उस समय अधिकतर लोग सड़क के लेफ्ट साइड चलते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि, आज की तरह, अधिकांश लोग अपने सीधे हाथ का अधिक उपयोग करते थे और जरूरत पड़ने पर हथियारों से अपनी रक्षा करना उनके लिए आसान होता था।
वहीं, 19वीं सदी के अंत में जब कार आई, तब भी लोग इसी नियम का पालन करते रहे। लेकिन जब सड़कों पर कारों की संख्या बढ़ने लगी तो कई देशों ने लेफ्ट साइड गाड़ी चलाने का नियम बना दिया।
हमारे देश में बनने वाली कारों से लेकर बसों तक की स्टीयरिंग राइट साइड में होती है। लेकिन आपको बता दें कि पूरी दुनिया में गाड़ियों की स्टीयरिंग की जगह एक जैसी नहीं होती है।
1969 में किए गए एक रिसर्च से पता चला कि लेफ्ट साइड चलने वाले ट्रैफिक से कम हादसे होते हैं। साथ ही अगर ड्राइवर की सीट राइट साइड हो तो गाड़ी चलाते समय सड़क पूरी तरह दिखाई देती है और इससे सड़क पर होने वाली हर गतिविधि ड्राइवर को साफ दिखाई देती है।