पासपोर्ट भारत समेत कई देशों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पासपोर्ट का उपयोग खासकर विदेशों में सफर करने के लिए या फिर किसी जरूरी काम से विदेश जाने पर किया जाता है। यह विदेश में आपकी पहचान बताने और सफर करने की अनुमति देने वाला दस्तावेज है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस देश का पासपोर्ट सबसे अधिक ताकतवर है और किस देश का सबसे अधिक कमजोर है, आइए विस्तार से जानते हैं।
कोविड-19 महामारी के दौरान लगभग सभी देशों ने विदेश में सफर करने पर रोक लगा दी थी। इसका असर कम होने पर फिर से इसकी अनुमति जारी की गई, लेकिन बहुत से देशों ने विदेशों में उड़ाने देर से शुरू की तो वहीं कोविड के बाद बहुत से देशों में सफर थोड़ा मुश्किल हो चुका है।
किस देश का पासपोर्ट सबसे ताकतवर?
जापान, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया के पास सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट हैं। एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी, हेनले एंड पार्टनर्स के नवीनतम हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के अनुसार, एक जापानी पासपोर्ट 193 देशों को परेशानी मुक्त प्रवेश प्रदान करता है, जो सिंगापुर और दक्षिण कोरिया के देशों से एक अधिक है।
अफगानिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोर
वहीं रूसी यात्रा दस्तावेजों (पासपोर्ट) को 50वें स्थान पर रखा गया है, जिससे 119 देशों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। चीन ने 80 देशों में पहुंच के साथ 69वें स्थान पर, भारत का पासपोर्ट 87वें स्थान पर और अफगानिस्तान का पासपोर्ट सबसे कम उपयोगी है, जो 27 देशों में प्रवेश प्राप्त कर सकता है।
ताकतवर पासपोर्ट के मामले में अमेरिका 7वें स्थान पर
सूचकांक के अनुसार, हाल ही में 2017 तक एशियाई देशों ने दुनिया के 10 सबसे स्वीकृत पासपोर्टों में से एक को मुश्किल से दिखाया था और यूरोप देशों का वर्चस्व अधिक था। लेकिन अब यूरोप का वर्चस्व धीरे-धीरे कम हुआ है। इसके अलावा जर्मनी अब दक्षिण कोरिया से पीछे है। नवीनतम रैंकिंग से पता चलता है कि ब्रिटेन 187 देशों तक पहुंच के साथ छठे स्थान पर है, जबकि अमेरिका 186 के स्कोर के साथ सातवें स्थान पर है।
गौरतलब है कि सूचकांक, जो 17 साल के डेटा एकत्र करके अमीर व्यक्तियों और सरकारों को दुनिया भर में नागरिकता के मूल्य का आकलन करने में मदद करता है।