ये है क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने का स्मार्ट तरीका
बैंक हर उपभोक्ता को हर महीने बिलिंग स्टेटमेंट भेजता है। यह स्टेंटमेंट एक तरह से पिछले महीने के ट्रांजैक्शन का ब्यौरा होता है। उपभोक्ताओं को इसे अच्छे से पढ़ना चाहिए, ताकि पता लग सके कि कार्ड पर कितनी रकम बकाया है, उसे चुकाने की आखिरी तारीख क्या है, कुल क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट आदि क्या है।

क्रेडिट कार्ड प्लास्टिक मनी का बेहतरीन स्वरूप है। यह लोगों को ढेर सारी सहूलियत और सुविधा देता है। यही कारण है कि लोग इसे कई बार अपना दोस्त भी समझ बैठते हैं, लेकिन अगर इसे इस्तेमाल करने में चूक हो जाए तो यह आपके लिए महंगा साबित हो सकता है। कारण यह है कि अगर क्रेडिट कार्ड के ढेर सारे फायदे हैं तो कुछ इसके नुकसान भी हैं। आइए जानते हैं क्रेडिट कार्ड को इस्तेमाल करने का स्मार्ट तरीका। क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग पर ढेरों ऑफर्स मिलते हैं। मगर इसे प्रयोग करते समय थोड़ी सी सावधानी बरतनी चाहिए। मसलन ऑफर्स, रिवॉर्ड प्वॉइंट्स, डिस्काउंट और फ्रीबीज़ के फेर में क्रेडिट लिमिट और पेमेंट की ड्यू डेट नहीं भूलनी चाहिए।
बैंक हर उपभोक्ता को हर महीने बिलिंग स्टेटमेंट भेजता है। यह स्टेंटमेंट एक तरह से पिछले महीने के ट्रांजैक्शन का ब्यौरा होता है। उपभोक्ताओं को इसे अच्छे से पढ़ना चाहिए, ताकि पता लग सके कि कार्ड पर कितनी रकम बकाया (आउटस्टैंडिंग) है, उसे चुकाने की आखिरी तारीख क्या है, कुल क्रेडिट लिमिट और कैश लिमिट आदि क्या है। हर बिलिंग स्टेटमेंट में मिनिमम अमाउंट ड्यू अतिरिक्त जुड़ा होता है। यह आमतौर पर कुल आउटस्टैंडिंग का पांच फीसदी हिस्सा होता है। यह क्रेडिट कार्ड से जुड़ी अहम जानकारी मानी जाती है। ड्यू डेट से पहले इस रकम को चुका कर आप अधिक ब्याज या पेनाल्टी भरने से बच सकते हैं।
क्रेडिट साइकिल और कार्ड से खरीदे गए सामान पर चुकाए जाने वाले ब्याज की दर को जानना-समझना जरूरी है, ताकि ऊंची ब्याज दरों और पेनाल्टी से बचा जा सके। आईसीआईसीआई बैंक की इस बारे में सलाह है कि अगर आप कुल रकम ड्यू डेट से पहले चुका देते हैं, तब किसी प्रकार का ब्याज नहीं लगेगा।” हालांकि, ऐसा सिर्फ 18 से 48 दिनों के बीच में कुल रकम अदा करने पर होता है। यह सहूलियत बैंक की अपनी नीति पर भी निर्भर करती है कि वह अपने उपभोक्ताओं के लिए यह सीमा कितने दिन की रखती है। अगर पुराने किसी स्टेटमेंट की रकम बकाया रह जाती है, तब ये रकम करेंट स्टेटमेंट में जुड़कर आती है। अगर कुल बकाया रकम क्रेडिट/कैश लिमिट से अधिक है, तब वह अतिरिक्त रकम मिनिमम अमाउंट ड्यू में जुड़ जाएगी।