भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट (Repo Rate Hike) में 50 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। हालाकि इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने क्रेडिट कार्ड (Credit Card Link UPI Platform) से यूपीआई पेमेंट का प्रस्ताव रखा है और ओटीपी लेनदेन की सीमा (OTP ATM Transaction Limit) भी 10 हजार रुपए अधिक बढ़ा दी है। यानी कि अब लोगों को 15 हजार रुपए निकालने पर ओटीपी अप्रूवल नहीं लेना होगा। पहले यह लिमिट सिर्फ 5000 रुपए थी।
क्रेडिट कार्ड को UPI प्लेटफॉर्म से जोड़ने की शुरुआत रूपे कार्ड से की जाएगी। वर्तमान में UPI यूजर्स के डेबिट कार्ड के माध्यम से बचत या चालू खातों को जोड़कर लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन आरबीआई के इस ऐलान के बाद से अब क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ा जाएगा और इसके लिंक होने के बाद आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हुए UPI पेमेंट कर सकेंगे।
यूपीआई से 594.63 करोड़ ट्रांजैक्शन
दास ने कहा कि नई व्यवस्था से ग्राहकों को यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करने में अधिक अवसर और सुविधा मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि UPI भारत में भुगतान का सबसे जनरल तरीका बन गया है, जिसमें 26 करोड़ से अधिक यूजर्स और 5 करोड़ व्यापारी इसका लाभ ले रहे हैं। दास ने कहा कि मई में 10.40 लाख करोड़ रुपए के 594.63 करोड़ लेनदेन यूपीआई के माध्यम से किया गया है।
ऑटो-डेबिट मैंडेट की सीमा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को कार्ड और UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के माध्यम से किए गए आवर्ती भुगतान पर ऑटो-डेबिट मैंडेट की लिमिट को 5,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए कर दिया है। यानी अब ग्राहकों को केवल 15,000 रुपए से ऊपर के भुगतान के लिए बैंक से भेजे गए ओटीपी के साथ लेनदेन को मंजूरी देनी होगी ।
1 अक्टूबर को जारी हुए थे निर्देश
केंद्रीय बैंक के दिशानिर्देश ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई के माध्यम से किए गए सभी आवर्ती भुगतानों पर अतिरिक्त अथेंटिफिकेशन (AFA) को 1 अक्टूबर से अनिवार्य कियाकर दिया है। इसके तहत 5,000 रुपए की लिमिट रखी गई थी, जिसे अब 15,000 रुपए कर दिया गया है। यानी कि 15,000 से अधिक के ट्रांजैक्शन करने पर वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) अप्रूवल लेना होगा।
गौरतलब है कि आरबीआई ने प्रमुख उधार दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.90% कर दिया है। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति एक साल पहले से बढ़कर 7.79% हो गई। कच्चे तेल, खाद्य और अन्य वस्तुओं की वैश्विक कीमतों में और वृद्धि हुई है। वहीं केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी ग्रोथ को 7.2% पर बनाए रखा।