क्या आपके पास दो या दो से अधिक पीपीएफ अकाउंट है तो यह खबर आपके लिए है। वित्त मंत्रालय के वित्त कार्य विभाग ने एक आदेश जारी किया है जिसके मुताबिक 12 दिसंबर 2019 के बाद खोले गए पीपीएफ अकाउंट को अब विलय नहीं किए जाएगे। सरकार के इस आदेश के ऐसे लोगों की संख्या में बड़ी कमी आएगी, जो केवल टैक्स बचाने के लिए पोस्ट ऑफिस और बैंक में अलग- अलग पीपीएफ खाता खुलवाते हैं।
PPF के नए नियम 2019 को जारी किए गए पीपीएफ के नए नियमों के मुताबिक अब कोई भी व्यक्ति अपने नाम पर एक अधिक अकाउंट नहीं चला सकता है। पिछले महीने की शुरुआत में वित्त मंत्रालय के वित्त कार्य विभाग ने देश के सभी पोस्ट ऑफिस और बैंकों को आदेश दिया कि 2019 के पीपीएफ नए नियम के मुताबिक अब किसी भी पीपीएफ अकाउंट के विलय का प्रस्ताव नहीं भेजा जाए।
3 जनवरी 2022 को आर्थिक कार्य विभाग की तरफ से सभी डाक विभाग के प्रमुखों पत्र जारी कर कहा गया था कि किसी भी व्यक्ति के 12 दिसंबर 2019 के बाद खुले दो पीपीएफ खाते या फिर विलय के लिए प्रस्तावित पीपीएफ खातों को ब्याज का भुगतान किए बिना ही बंद कर दिया जाए और पीपीएफ विलय का कोई भी प्रस्ताव डाक निदेशालय के पास न भेजा जाए।
12 दिसंबर 2019 के बाद खुले खातों का क्या होगा?: पीपीएफ खातों के विलय की अंतिम तारीख 12 दिसंबर 2019 थी। इसके बाद खुले खातों को अब नियमित नहीं किया जा सकेगा। इन पीपीएफ खातों में जितना भी पैसा जमा है आपको बिना ब्याज के वापस लौटा दिया जाएगा।
12 दिसंबर 2019 से पहले खुले खातों का क्या होगा?: जिन लोगों ने एक या एक से अधिक पीपीएफ खाते 12 दिसंबर 2019 से पहले खुलवाये है उनके खातों को विलय किया जाएगा, लेकिन जमा राशि तय सीमा 1.5 लाख रुपए से अधिक न हो। पीपीएफ खाताधारक के पास विकल्प होगा कि वह किस पीपीएफ खाते को बनाए रखना चाहता है। दोनों पीपीएफ खातों को विलय करने के बाद तय सीमा से ज्यादा रकम को बिना ब्याज के वापस लौटा दिया जाएगा।